रायपुर। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बिलाईगढ़ ब्लॉक के ग्राम मलूहा के पांच किसान परिवारों को 25 वर्षों से लंबित मुआवजा राशि आखिरकार मिल गई। अपर सोनिया जलाशय डूबान से प्रभावित इन किसानों ने वर्षों तक कार्यालयों के चक्कर लगाए, धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल तक की, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं मिल पा रहा था। कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन प्रस्तुत करने पर कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया और मात्र 4 माह की सतत मॉनिटरिंग के बाद किसानों को उनका हक दिला दिया।
कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने 28 अप्रैल 2025 को पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद इस प्रकरण की जानकारी ली। उन्होंने कार्यपालन अभियंता कसडोल डिवीजन एवं एसडीएम बिलाईगढ़ से पूरे दस्तावेज मंगवाए और हर सप्ताह इसकी प्रगति रिपोर्ट लेते रहे। उनकी संवेदनशीलता और सतत मॉनिटरिंग का परिणाम रहा कि ग्राम मलूहा के किसानों को 25 वर्षों के बाद कुल 88 लाख 19 हजार 592 रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया।

जनपद पंचायत बिलाईगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने प्रभावित किसान गंगाधर नाई, चंद्रा परिवार के तीन भाई सरकार, परदेशी, रामानुज, दो बहनेंकृशांति एवं घसनीन, तथा उनकी बुआ सहोद्राबाई को चेक के माध्यम से मुआवजा राशि सौंपी। वर्षों से लंबित किसानों को मुआवजा प्रकरण को संवेदनशीलता के साथ निराकृत होने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टर और उनकी टीम की कार्यशैली की सराहना की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी नागरिक को उसके हक और अधिकार के लिए भटकना न पड़े। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में कलेक्टर जनदर्शन के माध्यम से 25 वर्षों से लंबित मुआवजा प्रकरण का समाधान 4 माह में हुआ है। यह प्रशासन की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का उदाहरण है। हमारी सरकार की मंशा है कि हर व्यक्ति को उसका हक मिले।

मुआवजा राशि प्राप्त होने पर किसानों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। सहोद्राबाई, जो लंबे समय से बीमार हैं, मुआवजा राशि का चेक पाकर भावुक हो गई। उनका कहना है कि मैं विवाह के बाद से मायके में ही रह रही हूँ और भतीजों के सहारे जीवन बिता रही थी। अब इस मुआवजे से इलाज कराऊँगी और वर्षों से लिए कर्ज चुका पाऊँगी। किसान गंगाधर नाई ने कहा कि 25 साल से हम न्याय के लिए भटक रहे थे। आज मुख्यमंत्री जी, कलेक्टर और एसडीएम की बदौलत हमें हमारा हक मिला।