नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में गुरुवार को पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। यहां आठ नक्सलियों ने हिंसा छोड़ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में चार महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने पर प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। इस अवसर पर जिला पुलिस बल, बीएसएफ के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। इनके आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में बीएसएफ व जिला नारायणपुर पुलिस का विशेष प्रयास रहा है ।
नारायणपुर के एसपी रॉबिन्सन गुड़िया ने बताया कि गुरुवार को कुल 8 नक्सलियों, 4 महिलाओं और 4 पुरुषों ने आत्मसमर्पण किया। वे मुख्य रूप से हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति में शामिल थे। हमारे पिछले ऑपरेशन में, हमने उनके हथियारों का जखीरा बरामद किया था। नक्सलियों को छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण व पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 के बारे में जानकारी है। उनमें से बहुत से हिंसा को छोड़कर समाज मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं। यह उनके लिए इसे छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का एक अच्छा अवसर है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में चलाये जा रहे विकास कार्य बड़ा कारण रहा तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमपर्ण का बहुत बड़ा कारण है। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें नई उम्मीद दी है। संगठन के भीतर शोषण तथा क्रूर व्यवहार से बाहर निकलकर समाज के मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन बिता सकते हैं। सुरक्षा बलों के लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में कैम्प स्थापित करने एवं क्षेत्र में चलाये जा रहे आक्रामक अभियानों एवं मारे जाने से उत्पन्न भय ने भी इन्हें संगठन छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और ‘‘माड़ बचाओ अभियान” ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है।

हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप ले रहा है। इस मौके पर नवल सिंह, कमांडेंट,135 BN BSF, मोहम्मद इजराईल कमांडेंट बीएसएफ सेक्टर मुख्यालय नारायणपुर, बीएस चंदेल, द्वितीय कमान अधिकारी, 133 BN BSF राजपाल सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी, 129 BN BSF, नरेन्द्र सिंह सेनानी 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, राजीव गुप्ता कमांडेंट 45वीं वाहिनी आईटीबीपी, रोशन सिंह आसवाल सेनानी 38वीं वाहिनी आईटीबीपी, जयदीप अग्रवाल, उप कमाण्डेंट बीएसएफ़, अरविंद किशोर खलखो उप पुलिस अधीक्षक डीआरजी नारायणपुर के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
यह हैं सरेंडर करने वाले नक्सलियों के नाम
- वट्टी गंगा उर्फ मुकेश उर्फ चैतू निवासी दुब्बाकोंटा/दुमरका पंचायत तेलंमागुण्डा जिला सुकमा। वर्ष 2000 से 12.07.2025 तक उत्तर ब्योरो टीडी टीम इंचार्ज डीवीसीएम, इनामी – 08 लाख।
- लखमा लेकाम उर्फ सैनाथ उर्फ रंजीतनिवासी पंचायत पिड़िया थाना गंगालूर जिला बीजापुर, वर्ष 2013 से पीपीसीएम प्लाटून नंबर 22 कंमाण्डर वर्ष 2024 से प्लाटून नंबर 01 सेक्सन कमाण्डर, इनामी – 08 लाख।
- रीना कुर्साम निवासी बडे तुंगाल पंचायत पोटेम थाना जांगला जिला बीजापुर वर्ष 2024 से प्लाटून नंबर 01 सेक्सन डिप्टी कमाण्डर पीपीसीएम, इनामी – 08 लाख।
- रमशिला उर्फ ऊंगी माडवी निवासी टेकगुडा पंचायत तेलरैय थाना कलमेला जिला मलकानगिरी (उडीसा), वर्ष 2003 से 12.07.2025 तक उत्तर ब्यूरो टीडी टीम एसीएम, इनामी – 08 लाख।
- माली निवासी गवाडी पंचायत थुलथुली थाना ओरछा जिला नारायणपुर, वर्ष 2019 – 2025 तक 16 पीएल सदस्य/सिंगलशार्ट, इनामी – 01 लाख।
- ईरपा गोटा निवासी मडोडा पंचायत धुरबेडा थाना कोहकामेटा जिला नारायणपुर, # वर्ष 2020 से अब तक मडोडा जनताना सरकार अध्यक्ष, इनामी – 01 लाख।
- मंगती उसेण्डी उर्फ टांगरी निवासी मुरेहनार पंचायत नेण्डनार थाना कुकडाझोर जिला नारायणपुर, वर्ष 2020 से 10.07.2025 तक नेलनार एलओएस सदस्य/303 कारतूस 11, इनामी – 01 लाख।
- सतरू मण्डावी निवासी गवाडी पंचायत थुलथुली थाना ओरछा जिला नारायणपुर, वर्ष 2024 से ओरछा एलओएस सदस्य/बीजीएल, इनामी – 01 लाख।