छात्रहित में साय सरकार का ऐतिहासिक कदम: पर चिकित्सा प्रवेश नियमों में व्यापक सुधार
रायपुर। मेडिकल में प्रवेश को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने नियमों में व्यापक सुधार किया है। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर प्रवेश नियमों में कई संसोधन किए गए हैं। सबसे अच्छी पहल यह है कि अब ईडब्ल्यूएस श्रेणी की रिक्त सीटें सामान्य वर्ग को आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए छात्र हित में बनाए गए नए नियम चिकित्सा स्नातक छात्रों के लिए ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
दरअसल छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राज्य में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने और चिकित्सकों की नई पीढ़ी के लिए सुलभ रास्ता तैयार करने को लेकर सचेत है। इसी कड़ी में वर्ष 2025 के लिए नए प्रवेश नियम बनाए गए हैं। इसके अनुसार चिकित्सा स्नातक एमबीबीएस, बीडीएस एवं बीपीटी जैसे पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग के लिए शासन द्वारा नवीन नियम संशोधन किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस वर्ष से काउंसलिंग प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को अधिक सुविधा एवं पारदर्शिता मिलेगी।

प्राथमिकता में संशोधन
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रबंधन कोटा एवं एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों के आवंटन में छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि अनिवार्य की गई है। इससे नए चिकित्सकों को जल्द ही सरकार से एनओसी मिल जाएगी।

काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्णत ऑनलाइन
समस्त काउंसलिंग प्रक्रिया अब पूर्ण रूप से ऑनलाइन होगी। सीट आवंटन एवं प्रवेश की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न की जाएगी। काउंसलिंग के प्रत्येक राउंड में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन नए नियमों के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया दिनांक 30 जुलाई 2025 से प्रारंभ होगी। यह निर्णय राज्य के चिकित्सा विद्यार्थियों को अधिक अवसर प्रदान करने तथा प्रक्रिया को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सामान्य वर्ग के लिए बढ़ेंगी सीटें
नियमों में संसोधन ने सामान्य वर्ग के होनहार छात्रों को मेडिकल की सीटें मिलने में आसानी होगी। यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें रिक्त रहती हैं तो उन्हें अब अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवंटित किया जाएगा। इससे एक बड़े वर्ग को लाभ मिल सकता है। अक्सर देखा गया है कि सामान्य श्रेणी के होनहार छात्र केवल इस वजह से प्रवेश पाने में सफल नहीं हो पाते क्योंकि उनका कटऑफ ज्यादा होता है और सीटें सीमित। इसी प्रकार ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रमाण-पत्र संबंधित मापदंडों को भी सरल किया गया है।