कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित तुर्री झरना एक रहस्य बना हुआ है। भीषण गर्मी में भी इस झरने से लगातार पानी बहना जारी रहता है, जो लोगों को आश्चर्यचकित करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि पूरे साल झरने का जलप्रवाह कम नहीं होता, जिससे यह क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनदायिनी बना हुआ है।

कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित कोरकोमा ग्राम पंचायत के रामनगर गांव में यह झरना स्थित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि झरने में पानी कहां से आता है, यह आज भी एक रहस्य है। रामनगर में रहने वाले 3500 से अधिक लोग झरने के पानी का उपयोग पूरे साल करते हैं, फिर भी जल प्रवाह में कोई कमी नहीं आती।

झरने में 12 महीने पानी बहता रहता
रामनगर बस्ती से लगभग 50 मीटर की दूरी पर स्थित तुर्री झरना एक प्राकृतिक आश्चर्य है। ग्रामीणों का कहना है कि यह झरना काफी पुराना है। आश्चर्य की बात यह है कि झरने के आसपास की जमीन सूखी रहती है। लेकिन झरने में 12 महीने पानी बहता रहता है। पानी के स्रोत का पता लगाने के कई प्रयास किए गए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। झरने के पानी का उपयोग करने के लिए ग्रामीणों ने कुछ दूरी पर एक तालाब का निर्माण करवाया है। सिंचाई विभाग ने हाल ही में इस तालाब का सौंदर्यीकरण किया है। तालाब में साल भर पानी भरा रहता है। जिसका उपयोग ग्रामीण खेती में करते हैं।

रामनगर गांव में पंचायत की तरफ से पानी की टंकी भी बनवाई गई है। इसके बाद भी लोग झरने के शुद्ध पानी को पीने के लिए उपयोग करते हैं। लोग इस झरने के पानी को ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं। पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कामों में भी इसी पानी का उपयोग किया जाता है। भूगोल के जानकार बताते हैं कि जल स्त्रोत तीन तरह के होते हैं। पहला पानी हवा में मौजूद होता है, दूसरा स्त्रोत सतह पर होता है जैसे नदियां और तालाब। वहीं तीसरा स्त्रोत भूमिगत होता है। तुर्री झरने का पानी भूमिगत जल स्त्रोत का ही रूप है।
जानकारों का कहना है कि यहां दूर से अंदर ही अंदर किसी नाली की तरह बहते हुए पानी पहुंच रहा है। आमतौर पर पहाड़ों पर इस तरह नदियों का उद्गम होता है, लेकिन यहां के पानी का उद्गम अपने आप में रहस्य है। गांव के जनप्रतिनिधि उमेश्वर सोनी ने बताया कि जल सर्वे वालों का कहना है कि इसके पानी पीने से घेंघा रोग हो सकता है, हालांकि आज तक किसी भी गांव के व्यक्ति को यह रोग नहीं हुआ है। भीषण गर्मी में झरना बरसों से राहत देता आ रहा है। यह झरना गांव वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।