रामेश्वरम ए.। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को श्री रामनवमी के पावन अवसर पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में बने भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री ब्रिज पंबन का उद्घाटन किया। दोपहर करीब 1 बजे प्रधानमंत्री ने नए पंबन रेलवे पुल को जनता को समर्पित किया। उन्होंने रामेश्वरम से तांब्रम (चेन्नई) के बीच एक नई ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। साथ ही उन्होंने एक तटरक्षक जहाज को भी रवाना किया। यहां से पीएम मोदी रामेश्वरम के प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना की। उन्होंने 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे और सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया।
बता दें पहला पंबन ब्रिज 1914 में ब्रिटिश इंजीनियरों ने बनाया था। पुराना पुल 2022 में जंग लगने की वजह से बंद कर दिया गया था। इसके बाद से रामेश्वम और मंडपम के बीच रेल कनेक्टिविटी खत्म हो गई थी। नए पंबन ब्रिज की नींव प्रधानमंत्री मोदी ने ही नवंबर, 2019 में रखी थी। पंबन ब्रिज रामेश्वरम (पम्बन द्वीप) को भारत की मुख्य भूमि तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसे डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए डिजाइन किया गया है। स्टील से बने नए ब्रिज पर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है, जो इसे जंग और समुद्र के नमकीन पानी से बचाएगी। इसकी लागत 550 करोड़ रुपये से अधिक है। यह ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा है। इसमें 99 स्पैन (खंभों के बीच की दूरी) हैं और इसका लिफ्टिंग हिस्सा 72.5 मीटर लंबा है, जो 17 मीटर ऊंचाई तक उठ सकता है। इससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकते हैं और ट्रेन सेवा भी बिना बाधा जारी रह सकती है।

आरवीएनएल कंपनी ने किया निर्माण
नए पंबन ब्रिज का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने किया है। यह रेल मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न कंपनी है। ब्रिज निर्माण के दौरान पर्यावरणीय प्रतिबंध, समुद्र की तेज लहरें, तेज हवाएं और खराब मौसम जैसी कई चुनौतियां आईं। यह इलाका चक्रवात और भूकंप के लिए संवेदनशील है, इसलिए इंजीनियरों ने बहुत सोच-समझकर मजबूत डिजाइन तैयार किया। इस पंबन ब्रिज का सांस्कृतिक महत्व भी है। रामायण के अनुसार, भगवान राम की सेना ने राम सेतु का निर्माण रामेश्वरम के नजदीक धनुषकोडी से शुरू किया था।

रामलला का सूर्य की किरणों ने भव्य तिलक किया
पंबन ब्रिज के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने एक विशाल जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘आज राम नवमी का पावन पर्व है, अब से कुछ समय पूर्व अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला का सूर्य की किरणों ने भव्य तिलक किया है। भगवान श्रीराम का जीवन, उनके राज्य से मिलने वाली सुशासन की प्रेरणा राष्ट्र निर्माण का बड़ा आधार है।’ उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में भारत ने अपनी इकोनॉमी का साइज दोगुना किया है। इतनी तेज ग्रोथ का एक बड़ा कारण हमारा शानदार मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। बीते 10 वर्षों में हमने रेल, रोड, एयरपोर्ट, पानी, पोर्ट, बिजली, गैस पाइप लाइन… ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट करीब 6 गुना बढ़ाया है।
देश में बहुत तेजी से हो रहे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में बहुत तेजी से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। आप उत्तर में देखेंगे तो जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज में से एक ‘चिनाब ब्रिज’ बना है। पश्चिम में जाएंगे तो मुंबई में देश का सबसे लंबा सी ब्रिज ‘अटल सेतु’ बना है। पूर्व में जाएंगे तो असम के ‘बोगीबील ब्रिज’ के दर्शन होंगे। दक्षिण में आते हैं तो दुनिया के गिने-चुने वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज में से एक ‘पंबन ब्रिज’ का निर्माण पूरा हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बहुत बड़ा रोल है।
तमिलनाडु में 77 रेलवे स्टेशन बन रहे मॉडर्न
पीएम मोदी ने कहा मैं मानता हूं, तमिलनाडु का सामर्थ्य जितना ज्यादा बढ़ेगा, भारत की ग्रोथ उतनी तेज होगी। बीते दशक में तमिलनाडु के विकास के लिए 2014 की तुलना में तीन गुना ज्यादा पैसा केंद्र सरकार की ओर से दिया गया है। इसके बावजूद भी कुछ लोगों को बिना कारण रोते रहने की आदत है, वो रोते रहते हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले रेल प्रोजेक्ट के लिए हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये ही मिलते थे। इस वर्ष तमिलनाडु का रेल बजट 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है और भारत सरकार यहां के 77 रेलवे स्टेशन को मॉडर्न भी बना रही है। इसमें रामेश्वरम का रेलवे स्टेशन भी शामिल है।
ब्रिज रेलवे के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पुलों में से एक है : अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि पंबन ब्रिज रेलवे के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण ब्रिज में से एक है। समुद्र पर निर्मित यह पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज तमिल इतिहास, संस्कृति, प्राचीन तमिल सभ्यता और तमिल भाषा के लिए सबसे महान वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक है। इसके अनूठे डिजाइन के पीछे पीएम मोदी की प्रगतिशील सोच हैं। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में यह ब्रिज जंग से खत्म हो चुके पुराने ढांचे की जगह लेगा। यह देश के रेलवे बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।