चार माह पहले समाप्त हो चुकी है स्कूल की मान्यता दो समितयों ने किया है नवीनीकरण के लिए आवेदन
भिलाई। सेक्टर-10 स्थित श्री शंकरा विद्यालय सेक्टर-10 की मान्यता पर संकट खड़ा हो गया है। दरअसल श्री शंकरा विद्यालय की मान्यता 4 अक्टूबर 2024 से समाप्त हो चुकी है। मान्यता समाप्त होने के बाद अब तक इसका नवीनीकरण नहीं हो सका है। इसकी वजह यह है कि नवीनी करण के लिए स्कूल की दो अलग अलग समितियों ने आवेदन किया है। इसकी वजह से जिला शिक्षा विभाग भी दुविधा में है। अब इस संबंध दुर्ग जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में प्रशासक की नियुक्ति के लिए संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।
बता दें श्री शंकरा विद्यालय की संचालक संस्था श्री शंकरा एजुकेशन सोसायटी डिस्पूट होने के कारण दो अलग अलग समितियां इसके संचालन का दावा कर रही हैं। एक समिति में एस स्वामीनाथन सचिव हैं तो दूसरी समिति में आर रामानुजम व सचिव रवि राजा हैं। नियमानुसार जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निजी स्कूलों को तीन वर्ष की मान्यता दी जाती है। इसके बाद इन्हें नवीनीकरण के लिए संपूर्ण दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है। इसके बाद दोबारा तीन वर्षों के लिए मान्यता दी जाती है।
दो समितियों ने किया है आवेदन
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को प्रेसित पत्र में उल्लेख किया गया है कि श्री शंकरा विद्यालय सेक्टर 10 की मान्यता 4 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो चुकी है। पत्र में उल्लेखित है कि वर्तमान में इस कार्यालय को प्रारूप-1 में दो समितियों द्वारा श्री शंकरा विद्यालय सेक्टर-10 भिलाई की मान्यता नवीनीकरण हेतु आवेदन प्राप्त हुआ है। ऐसी स्थिति में यह जांच किया जाना जरूरी है कि दोनों समितियों में से कौन सी वास्तविक सदस्यों वाली है। जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में प्रशासक की नियुक्ति या नवीनीकरण को लेकर संचालक ने मार्गदर्शन मांगा है।
दोनों समितियों के पास नहीं है रजिस्ट्रार की सूची
श्री शंकरा विद्यालय की एक समिति के सचिव रविराजा का कहना है कि स्कूल के नवीनीकरण के लिए दोनों समितियों ने आवेदन किया। दोनों समितियों के पास रजिस्ट्रार द्वारा अनुमोदित सदस्यों की सूची नहीं है। वर्तमान में दूसरी समिति के स्वामीनाथन बिना सदस्यता के पूरा संचालन कर रहे हैं जो कि नियम विरुद्ध है। रविराजा ने कहा है कि जब तक स्कूल की दोनों समितियों की प्रापर जांच नहीं हो जाती तब कर स्कूल संचालन के लिए प्रशासक की नियुक्ति की जानी चाहिए ताकि यहां पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़ सके।
मान्यता नवीनीकरण को लेकर संशय
इस संबंध में श्री शंकरा विद्यालय की दूसरी समिति के सचिव एस स्वामीनाथन ने कुछ भी जवाब नहीं दिया। मान्यता के मामले में अनिभिज्ञता जताते हुए जानकारी होने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अभी वे मुंबई में परिवारिक कार्यक्रम में हैं और वापस भिलाई लौटने के बाद ही इस संबंध में कसी प्रकार की बात कर सकेंगे। बहरहाल दो समितियों के विवाद के बीच श्री शंकरा विद्यालय की मान्यता को लेकर आखिरी निर्णय लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक के गाइडेंस के बाद जिला शिक्षा अधिकारी को लेना है। अब देखना दिलचस्प होगा कि श्री शंकरा की मान्यता बहाल होती है या यहां प्रशासक के द्वारा स्कूल का संचानल किया जाएगा?