रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक दिन पहले हुई मुठभेड़ में मारे गए तीन नक्सलियों की पहचान हो गई है। मारे गए तीनों नक्सली संगठन के वरिष्ठ सदस्य थे और उन पर कुल 18 लाख रुपए का इनाम था। सुकमा के पालीगुड़ा-गुंडराजगुडेम की पहाड़ी पर गुरुवार सुबह सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी, तभी मुठभेड़ हो गई। घटनास्थल से तीन नक्सलियों के शव बरामद किये गये। मुठभेड़ स्थल से दो बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल), एक 12 बोर राइफल, तीन टिफिन बम, पांच बीजीएल गोले और भारी मात्रा में विस्फोटक और माओवादी से संबंधित सामान बरामद किए गए।
मिली जानकारी के अनुसार मारे गए नक्सलियों में से एक कोरसा महेश इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का विशेषज्ञ था और 2023 और 2024 में बेदरे (बीजापुर) और जगरगुंडा (सुकमा) इलाकों में हुई हिंसक घटनाओं का कथित मास्टरमाइंड था। महेश माओवादियों के प्लाटून नंबर के डिप्टी कमांडर के रूप में सक्रिय था। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने कहा कि 30 और उस पर आठ लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने कहा कि दो अन्य, मदवी नवीन और अवलम भीमा, क्षेत्र समिति के सदस्य थे और उन पर पांच लाख रुपये का इनाम था।
महेश आईईडी बनाने, लगाने और चलाने में विशेषज्ञ था। वह कथित तौर पर कई घटनाओं में शामिल था। दिसंबर, 2023 में बेद्रे के पास नक्सली हमला, जिसमें सीआरपीएफ उप-निरीक्षक सुधाकर रेड्डी की मौत हो गई थी और एक ट्रक पर आईईडी विस्फोट में शामिल था। चव्हाण ने कहा कि पिछले साल जून में जगरगुंडा में सीआरपीएफ के दो जवानों की मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक, इस साल अब तक राज्य में अलग-अलग जगहों पर हुई तीन मुठभेड़ों में नौ नक्सली मारे गए हैं।