रायपुर। प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में अब पिछड़ा वर्गों के लिए 25 प्रतिशत के आरक्षण की एकमुश्त सीमा को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक किये जाने का प्रावधान किया गया है। कैबिनेट में फैसले के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आज इस विधेयक पर मुहर लगा दी है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के भारसाधक मंत्री श्री अरूण साव ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुक्रम में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ पिछडा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया है। आयोग के द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों में सर्वेक्षण के उपरांत की गई अनुशंसा को मंत्री परिषद की दिनांक 28 अक्टूबर, 2024 को आहूत बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई थी।

डिप्टी सीएम साव ने बताया कि मंत्री परिषद की मंजूरी के पश्चात् छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम (संशोधन), 1961 में वेष्ठित अलग-अलग धाराओं में संशोधन के लिए उक्त विधेयक को छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज प्रस्तुत किया गया। जिसमें विधानसभा द्वारा आज इस विधेयक को मंजूरी दी गई। नगरीय निकायों में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षण 50 प्रतिशत से कम होने पर कुल स्थानों की संख्या के 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अध्यधीन रहते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है। जिससे माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के पालन के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्गों के जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

विधेयक के संबंध में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह निर्णय राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिशों पर आधारित है, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को उनकी जनसंख्या के अनुसार समायोजित करने की बात कहीं गयी थी। इस फैसले से राज्य में सामाजिक सौहार्द और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया साथ ही हमारा लक्ष्य समाज के हर वर्ग को समान अवसर प्रदान करना है। इस फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और विकास की मुख्यधारा में उनका योगदान बढ़ेगा। उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के भारसाधक मंत्रीअरूण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नगरीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने का यह प्रावधान नगरीय निकायों के पार्षदों, नगर निगमों के महापौर, नगर पालिकाओं एवं पंचायतों के अध्यक्षों सहित राज्य स्तरीय आरक्षित पदों पर भी लागू होगा।