भिलाई के BMY चरोदा में ट्रेन डिरेल होने की स्थिति में आरपीएफ, एनडीआरएफ और रेलवे प्रशासन ने किया मॉकड्रिल
भिलाई। चरोदा स्थित बीएमआई के पास गुरुवार सुबह ट्रेन हादसे की खबर से हड़कंप मच गया। भिलाई मार्शलिंग यार्ड से लगे उरला दुग्ध संयंत्र के पास स्पेशल पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी डिरेल हो गई। सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ कटक की टीम ने आरपीएफ और रेलवे की दुर्घटना राहत टीम के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान डिरेल बोगी में बैग के अंदर बम पाया गया। जिसे बम निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज कर दिया। घटना में घायल यात्रियों को मौके पर प्राथमिक उपचार देकर नजदीकी अस्पताल भेजा गया। दरअसल यह कोई
यह घटना सही नहीं बल्कि मॉकड्रिल था। इस बात की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे लोगों ने राहत की सांस ली। मॉकड्रिल के दौरान अधिकारियों ने यात्रियों के बचाव व राहत कार्यों का अवलोकन किया। इससे पहले श रेलवे की ओर से आपातकालीन सायरन बजने लगा। साथ ही बीएमवाय उरला से लगे दुग्ध संयंत्र के पास स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के डिरेल हो जाने की सूचना प्रसारित की गई।इसके साथ ही सरकारी मशीनरी एक्टिव हो गई और एडीआरएम बजरंग अग्रवाल सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। आरपीएफ, रेलकर्मी, पुलिस, मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, एनडीआरएफ, और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर पहुंची।
इसके बाद बचाव कार्य के लिए वृहद स्तर पर ऑपरेशन चलाया गया। डिरेल हुई बोगी के अंदर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों ने ऊपर छत को काटकर रास्ता बनाया। फिर घायल यात्रियों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भेजा गया। इस दौरान आरपीएफ की टीम ने बोगी का बारीकी से निरीक्षण किया तो एक संदिग्ध बैग मिला। बैग खोलकर देखने पर उसमें बम पाया गया। तत्काल बम निरोधक दस्ते को सूचित किया गया। दस्ते ने आकर बम को निष्क्रिय कर दिया। लोगों को राहत तब मिली, जब पता चला कि यह एक मॉकड्रिल था।
हर दो साल में होता है मॉकड्रिल – अग्रवाल
रायपुर रेल मंडल के एआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि रेलवे द्वारा किसी भी आपदा प्रबंधन को परखने के लिए हर दो साल में मॉकड्रिल किया जाता है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यही रहता है कि दुर्घटना होने पर कैसे जल्दी से जल्दी उससे निपटा जाए। दुर्घटना में फंसे लोगों को बचाना सबसे जरूरी होता है। इसके लिए मॉकड्रिल में सभी एजेंसियों ने भाग लिया। इसमें एनडीआरएफ कटक और रेलवे सहित तमाम टीमों ने भाग लिया। इस दौरान सभी टीमों ने अच्छा कार्य किया।
दिल्ली हेड क्वार्टर से मिलता है शेड्यूल – योगी
एनडीआरएफ कटक के डिप्टी कमांडेंट कन्हैया योगी ने बताया कि आपदा प्रबंधन के मॉकड्रिल का शेड्यूल उन्हें दिल्ली हेड क्वार्टर से मिलता है। उसी शेड्यूल के अनुसार आज रेलवे के इस मॉकड्रिल में उनकी टीम ने हिस्सा लिया। टीम जब पहुंची तो बचाव कार्य में स्थानीय एजेंसियां जुटी हुई थी। डिरेल बोगी में यात्रियों के फंसे होने की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ ने वेंटिलेटर के माध्यम से अंदर की हवा को बाहर निकाला फिर रेस्क्यू करते हुए फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के बाद अस्पताल भेजा।