जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दो दिन पहले हुई हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। घटना जिले के तपकरा थाना क्षेत्र की है जहां 26 सितंबर को एक युवक की लाश मिली थी। हत्यारों ने उसे बेरहमी से मारकर फेंक दिया था। दो दिन पुलिस ने इस मामले में पिता-पुत्र सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह पूरा हत्याकांड प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ है। आरोपियों के खिलाफ तपकरा पुलिस ने धारा 103(1), 238(क), 61(2)(क) के तहत कार्रवाई सभी को जेल भेज दिया है।
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि 26 सितंबर ग्राम लोटापानी निवासी जीवन यादव ने अपने पुत्र बजरंग यादव (20) के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे। इसके दूसरे दिन पुलिस को सूचना मिली कि रंगाडीपा जंगल में एक युवक की लाश पड़ी है। पुलिस जब शव के पास पहुंची तो उसकी पहचान गुम बजरंग यादव के रूप में हुई। पंचनामा के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें हत्या की बात सामने आई। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध धारा 103(1) बी.एन.एस. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पुलिस को मिला एक क्लू
विवेचना के दौरान पुलिस के हाथ एक क्लू लगा। दरअसल जिस दिन बजरंग यादव का शव मिला उसी दिन करडेगा पुलिस चौकी में चार लोगों द्वारा एक लावारिस मोटर सायकल लाया गया। इन चारों ने बताया कि उक्त मोटर साइकिल उनके घर से कुछ दूरी पर लावारिश हालत में पड़ा हुआ था। पुलिस ने उस लावारिश मोटर साइकिल के बारे में पता किया तो वह बजरंग यादव का निकला। मृतक बजरंग यादव के पिता ने मोटरसाइकिल की पहचान की। इसके बाद पुलिस को इस हत्या में उन चार लोगों के हाथ होने का शक हुआ।

चौकी में मोटरसाइकिल पहुंचाने वालों को लिया हिरासत में
इसके बाद पुलिस ने उन चार लोगों का पता लगाया जिन्होंने बजरंग यादव की मोटर साइकिल चौकी में पहुंचाई थी। पुलिस को पता चला कि मयुरचुंदी गांव निवासी ईश्वर यादव, संदीप यादव, उग्रसेन यादव व बिरजू यादव ने मोटर साइकिल चौकी में छोड़ा था। इसके बाद पुलिस ने इन सभी को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। पुलिस की पूछताछ में पहले तो सभी गुमराह करते रहे लेकिन बाद में सारी सच्चाई उगल दी। इन लोगों ने बजरंग यादव की हत्या उनके परिवार की लड़की से प्रेम प्रसंग के चलते की।
प्रेमिका से मिलने पहुंचा था मृतक बजरंग
हत्याकांड के मुख्य आरोपी ईश्वर यादव ने बताया कि 26 सितंबर की रात का वह और उसका बेटा संदीप यादव और उग्रसेन यादव सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर लौट रहे थे। इस दौरान घर से कुछ दूरी पर बजरंग की बाइक देखी। इसके बाद घर के पास पहुंचे तो वह उसकी बेटी के कमरे की खिड़की के पास खड़ा था। इनको देख बजरंग यादव भागने लगा और कुछ दूरी पर नाले के पास गिर गया। संदीप यादव व उग्रसेन से उसे घेर लिया और तभी ईश्वर यादव भी वहां पहुंच गया। ईश्वर यादव ने बजरंग से घर पर खड़े होने का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसका उनके घर की एक लड़की से प्रेम संबंध है।
प्रेमसंबंध की बात सुन घोंट दिया गला
ईश्वर यादव ने जब सुना कि बजरंग का उनके घर की लड़की से प्रेम संबंध है तो वह आगबबूला हो उठा। इसके बाद उसने बजरंग यादव की जमकर पिटाई शुरू कर दी। संदीप व उग्रसेन उसे पकड़ रहे और ईश्वर यादव मारता रहा। पिटाई से वह बेहोश हो गया तो ईश्वर यादव ने उसका गला घोंट दिया। इससे उसकी मौत हो गई। शव को पकड़कर तीनों ने मिलकर रंगाडीपा जंगल में फेंक दिया। इसके बाद बजरंग यादव का मोटर साइकिल जो कि ईश्वर यादव के आम बगीचा में खड़ा था उसे अपने साथी बिरजू कुमार यादव की सहायता से चौकी में छोड़ आए।
चारों आरोपियों को गिरफ्तार भेजा जेल
इस मामले में पुलिस ने इश्वर यादव (50), संदीप यादव (23), उग्रसेन यादव (34) व बिरजू कुमार यादव (40) को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना में एसडीओपी कुनकुरी विनोद मण्डावी, उप निरीक्षक सुनील सिंह, खोमराज ठाकुर, अषोक यादव, नसरूद्दीन अंसारी, एएसआई रामनाथ राम, ईष्वर वारले, प्रधान आरक्षक मोहन बंजारे, आरक्षक मुकेष भगत, राजेन्द्र राम, अजय लकड़ा, शिवशंकर राम, अविनाश लकड़ा, धीरेन्द्र मधुकर, नंदलाल यादव, अमित त्रिपाठी आदि का सराहनीय योगदान रहा है। वहीं इस केस को सुलझाने वाले सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को एसपी शशि मोहन सिंह ने प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।