पर्ची कटाने के नाम पर हुआ था विवाद, स्कॉर्पियो से पहुंचे थे बदमाश
भिलाई। शास्त्री अस्पताल सुपेला में मंगलवार की सुबह तोड़फोड़ व मारपीट करने वाले तीन आरोपियों को सुपेला पुलिस ने जेल भेज दिया है। आरोपियों ने सुपेला शास्त्री अस्पताल में वार्ड बॉय व ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी से मारपीट की थी। यही नहीं बदमाशों ने महिला डॉक्टर से भी बदसलूकी की थी। इस मामले में शास्त्री चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सक पीयम सिंह की शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। तीन आरोपियों को जेल भेजा गया है वहीं दो अन्य फरार हैं।
इस मामले में इस मामले में डॉ. पीयाम सिंह ने सुपेला थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि मंगलवार सुबह 6 बजे स्कॉर्पियो में सवार पांच युवक अस्पताल पहुंचे। इनमें से एक लड़के को चोट लगी हुई थी। चोटिल लड़के साथ पहुंचे अभय चौबे ने मौके पर मौजूद वार्ड बॉय अंशू चौहान से कहा कि उसके साथी का इलाज करे। वार्ड बॉय ने 23 नंबर काउंटर से पर्ची कटाकर लाने कहा। इतना सुनते ही अभय चौबे तैश में आ गया और वार्ड ब्वाय से गाली गलौज करना शुरू कर दी। इस पर वार्डब्वाय ने ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मी संगम को बुलाया। संगम ने उन लोगों को समझाने का प्रयास किया तो उससे भी गाली गलौज शुरू कर दी।
डॉ पीयम सिंह ने बताया इसके बाद पुलिस कर्मी सुपेला पुलिस को सूचना देने पहुंचा तो पीछे से यह बदमाश भी पहुंच गए। पुलिस कर्मी के चेंबर में घुसकर तोड़फोड़ की और उससे मारपीट की। इसके बाद पूरा अस्पताल स्टॉफ पहुंचा और मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। आवाज सुनकर पहुंची महिला डॉक्टर से भी बदसलूकी की गई। बदमाशों द्वारा शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाते हुए गाली गलौज करते हुए मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हुए शासकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया है। मारपीट करने से ड्यूटी मे तैनात शासकीय कर्मचारियों को चोटें आयी है। प्रार्थी के रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
इस मामले एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर आरोपियों की धरपकड़ शुरू की गई। सुपेला पुलिस ने आरोपी अभय चौबे, गौतम सिंह एवं सागर पटेल को सुबह अस्पताल के पास से ही हिरासत में लिया। वहीं अन्य साथी गिनिश साहू एवं हरीश तारक उर्फ मुन्ना फरार हैं। पुलिस ने अभय चौबे, गौतम सिंह एवं सागर पटेल को जेल भेज दिया। इस पूरी कार्रवाई में निरीक्षक राजेश मिश्रा, उप निरीक्षक मनीष बाजपेयी, प्रधान आरक्षक प्रकाशचन्द्र तिवारी, मनीष अग्निहोत्री, आरक्षक अजीत सिंह, रमेश जायसवाल का विशेष योगदान रहा।