रायपुर। हाल ही में मोदी कैबिनेट की हुई बैठक में छत्तीसगढ़ के साढ़े 6 हजार से ज्यादा गांवों में इंफ्रस्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नए प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार भी इस प्रोजेक्ट को लेकर सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केन्द्र सरकार की इस परियोजना के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश अफसरों को दिए हैं। माना जा रहा है कि गांवों के विकास के लिए यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। इसके तहत गांवों में इंटरनेट, अस्पताल, सड़क के साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सुविधाओं का विस्तार होगा। इसके अलावा जिन गांवों में पर्यटन की संभावना है, वहां के दिन भी बहुरेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 6,691 आदिवासी बाहुल्य गांव को उन्नत गांव बनाने के लिए सिलेक्ट किया है। इन गांव में ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर, स्कूल, अस्पताल, सड़क, इंटरनेट की सुविधा और मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने में मदद की जाएगी। इस योजना का नाम ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियानÓ है। मोदी कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी गई है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, इस अभियान में आदिवासी और अनुसूचित जाति इलाकों पर खास फोकस किया जाएगा। इसमें आदिवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के काम होंगे। गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट लाए जाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केन्द्र सरकार की ओर शुरू की गई इस योजना का राज्य में बेहतर क्रियान्वयन करने के अफसरों को निर्देश दिए हैं। केन्द्र सरकार के इस नए प्रोजेक्ट से राज्य के ग्रामीण अंचलों के विकास को रफ्तार मिलेगी।
जरूरत के मुताबिक होंगे काम
इस योजना के तहत आदिवासी गांवों और आकांक्षी जिलों में काम किए जाएंगे। स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, कनेक्टिविटी और लाइवलीहुड के सेक्टर्स के काम होंगे। छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री नेताम ने बताया कि राज्य में कुल 30.62 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। योजना में हर गांव के लिए 20.38 लाख के हिसाब से राशि की स्वीकृति मिली है। इसमें गांव की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग काम होंगे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। इनमें पहले से ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर ग्रामीणों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की कोशिशें शामिल है। केन्द्र सरकार के नए प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यों को और अधिक संबल मिलेगा। इससे गांव और ग्रामीणों के विकास में तेजी आएगी।
32 जिलों के 138 विकासखंड
मंत्री नेताम के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के 32 जिलों के 138 विकासखंड के 6691 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों में इस स्कीम के तहत काम शुरू होंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय की मदद से गांव में ट्राइबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेन्टर्स, आश्रम शाला, छात्रावासों, शासकीय जनजातीय आवासीय विद्यालयों में अधो-संरचनात्मक सुधार, सिकलसेल डिजीज के लिए सपोर्ट-काउन्सलिंग, काम्पीटेन्स सेंटर की स्थापना, डिजिटाइलेशन के काम होंगे।
बुनियादी ढांचे का विकास
योजना के तहत पात्र परिवारों के लिए पक्का घर और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। पात्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों को पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत नल के पानी (जलजीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति (आरडीएसएस) की उपलब्धता के साथ पक्के आवास मिलेंगे। पात्र एसटी परिवारों की आयुष्मान भारत कार्ड (पीएमजेएवाई) तक भी पहुंच होगी। एसटी बहुल गांवों (पीएमजीएसवाई) के लिए सभी मौसम में बेहतर सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट) और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करना, स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे।
आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर
आजीविका (स्वरोजगार) में सुधार करना- प्रशिक्षण (कौशल भारत मिशन/जेएसएस) तक पहुंच प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना कि एसटी समुदाय के छात्र-छात्राएं हर साल 10वीं-12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त करें। इसके अलावा, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह प्रवास, कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के माध्यम से एफआरए पट्टा धारकों को सहायता प्रदान करना। योजना के तहत शिक्षा- स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना और जिला/ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावासों की स्थापना करके एसटी छात्रों (समग्र शिक्षा अभियान) के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सस्ता बनाना शामिल है।
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर
इस अभियान के अंतर्गत एसटी परिवारों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) में राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना और उन स्थानों, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक हैं, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीकाकरण का कवरेज। वहीं, जिन गांवों में पर्यटन की संभावना है। वहां जनजातीय परिवारों तथा गांव को एक गांव में 5-10 गृह प्रवासों के निर्माण के लिए फंड दिया जाएगा। प्रत्येक परिवार दो नए कमरों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपए और मौजूदा कमरों के पुनर्निर्माण के लिए 3 लाख रुपए तक और ग्राम समुदाय आवश्यकता के लिए 5 लाख रुपए का पात्र होगा।
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