भिलाई। दुर्ग जिले के उतई थाना क्षेत्र में हत्या का सनसनी खेज मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने अपने बड़े भाई को जिंदा जला दिया। गंभीर हालत में पहले उसे जिला अस्पताल ले जाया गया और वहां से उसे रायपुर रेफर किया गया। रायपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इधर इस घटना के बाद उतई पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
यह पूरी घटना उतई थाना क्षेत्र के ग्राम मर्रा का है। मर्रा निवासी (27) योगेश यादव का अपने भाई हेमंत यादव (35) से पारिवारिक मतभेद हैं। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि मृतक हेमंत यादव आदतन बदमाश किस्म का व्यक्ति था जो शराब एवं नशा करने का आदी था। आये दिन घर वालो के साथ शराब पीकर वाद विवाद करता था जिससे घर के अन्य सदस्य बहुत परेशान रहते थे। 26 अगस्त की रात करीबन 8.30 बजे हेमंत यादव का उसके छोटे भाई योगेश उर्फ छोटू यादव के साथ घरेलू बात पर वाद विवाद हो गया।

योगेश यादव ने आवेश में आकर हेमंत यादव को मां बहन की गंदी गंदी गालियां देते हुए तु सबको परेशान करके रखा है हमेशा शराब पीकर लडाई झगडा करता है आज तुझे पेट्रोल डालकर जला दूंगा। इतना ककहने के बाद घर में रखे पेट्रोल को हेमंत यादव पर छिड़ककर आग लगा दिया। जिससे हेमंत यादव पुरी तरह उपर सिर से पांव तक पुरा शरीर जल गया जिसे उसकी मां रामकली द्वारा आग बुझाकर 108 एम्बुलेंस से घटना के बाद हेमंत बुरी तरह झुलस गया और गंभीर हालत में उसे परिवार वाले जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जिला अस्पताल से उसे रायपुर रेफर कर दिया गया। इसके बाद उसे डीकेएस अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया गया था, जहां पर ईलाज दौरान हेमंत यादव की मृत्यु हो गई।

घटना की सूचना के बाद उतई पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज किया और आरोपी योगेश यादव को गिरफ्तार कर लिया है। उतई थाना प्रभारी विपिन रंगारी ने बताया कि घटना विवेचना के दौरान थाना उतई पुलिस द्वारा सघनता पूर्वक आरोपी की पता तलाश कर आरोपी योगेश यादव उर्फ छोटू को ग्राम मर्रा में घेराबंदी कर हिरासत में लेकर पुछताछ करने पर अपराध घटित करना स्वीकार किया। आरोपी योगेश यादव के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर गुरुवार को उसे ज्युडिशियल रिमाण्ड पर जेल भेजा गया। उक्त समस्त कार्यवाही में थाना प्रभारी उतई निरीक्षक विपिन रंगारी, उप निरीक्षक कमल सिंह सेंगर, एएसआई नेमन सिंह साहू, प्रधान आरक्षक तुलसी बिंझेकर, महेश देवांगन, आरक्षक भूपेन्द्र साहू, रामकृष्ण दास, कृष्णा बंजारे, छगन लाल की सराहनीय भूमिका रही हैं।