रायपुर। छत्तीसगढ़ के धरसींवा के में दो अनाथ बहनों को पाल रही बेरोजगार नानी ने कलेक्टर से उनके भविष्य को बचाने की गुहार लगाई है। नाबालिगों की मां ने भाग कर दूसरी शादी कर ली और पिता ने भी साथ छोड़ दिया, जिसके बाद दोनों बहनों को मौसी ने मरते दम तक पाला। अब मौसी की मौत के बाद दोनों बच्चियां बेरोजगार नानी के साथ रहती हैं। इन बेसहारा बहनों को अब स्कूल ने भी दस हजार दिए बिना टीसी या मार्कशीट देने से मना कर दिया है। ऐसे में नानी और दोनों बहनों ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।
जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला धरसींवा के चरोदा गांव का है, जहां की निवासी महिला सीमा यादव ने अपनी बेटी मधु यादव की शादी 15 साल पहले सिलतरा की फेक्टरी में काम करने वाले झारखण्ड निवासी संजय यादव से कराई थी। मधु ओर संजय को शादी के बाद दो बेटियां हुई, लेकिन कुछ समय बाद ही मधु ने अपने पति संजय को छोड़कर दूसरी शादी कर ली। इधर पत्नी मधु के भागने के बाद संजय ने भी दोनों बेटियों से अघोषित रूप से रिश्ता तोड़ कर उनकी नानी के पास छोड़ दिया।
अब दोनों बच्चियां नानी के घर रहने लगे जहां नाना का भी स्वर्गवास हो चुका था। नानी के साथ एक मौसी थी जो बैंक में कार्यरत थी। जब तक वह जीवित रही उसने दोनों बच्चियों और अपनी मां का पालन पोषण किया। लेकिन दोनों बहनों के पास अब केवल नानी ही रह गई, वो भी बेरोजगार। ऐसे में गरीबी में जी रही नानी अनाथ बहनों को पालने में असक्षम है। दोनों बहनों ने नानी के साथ जा कर अपनी पूरी कहानी बताई और न्याय के लिए अब पुलिस का दरवाजा खटखटाया है।
फीस बकाया होने के चलते स्कूल ने रोका मार्कशीट और टीसी
नाबालिग बेटियों की नानी सीमा यादव ने पुलिस में बताया, कि दोनों बेटियों की पढ़ाई निजी स्कूल में चल रही थी, जिसका खर्च बच्चियों की मौसी उठाती थी। लेकिन बीते साल उसके देहांत के बाद दोनों बेटियों की निजी स्कूल की फीस दस हजार रुपये बकाया है। स्कूल ने साफ कह दिया है कि दस हजार बकाया चुकाएंगे तब ही दोनों बहनों को टीसी व अंकसूची दी जाएगी। वहीं टीआई के जनसुनवाई में व्यस्त होने के चलते इस मामले में पुलिस क्या कार्यवाही करेगी, फिलहाल इसकी कोई जानकारी उनसे नहीं मिल सकी है।