देहरादून। दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर आ गए हैं। रैट माइनर्स की टीम ने मंगलवार को मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में सफलता पाई। बीते 17 दिनों से कई टीमें बचाव अभियान में जुटी थीं। आगर मशीन के फेल होने के बाद रैट माइनर्स की टीम को बुलाया गया। जिसके बाद श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता मिली। मशीनों पर हाथ भारी पड़े और मजदूरों को सफलता पूर्वक बाहर निकाल लिया गयाद्ध
उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से उनके सफल बचाव की खबर मिलने पर 41 फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के चेहरे पर राहत और खुशी छा गई। लंबे समय तक हताशा सहने वाले परिवारों ने बचाव का जश्न मनाया और अपने प्रियजनों को वापस लाने के लिए सरकार को तहे दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी जाहिर की। परिवार के कुछ सदस्य श्रमिकों का हाल जानने के लिए उनके साथ वीडियो कॉल पर लगे रहे। कई रिश्तेदार, जो घटना के कुछ दिन बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे और तब से वहीं डेरा डाले हुए थे, आखिरकार अपने प्रियजनों से मिल गए।

देश में अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन
17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकालने वाला ऑपरेशन सिलक्यारा किसी सुरंग या खदान में फंसे मजदूरों को निकालने वाला देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन बना गया है। इससे पहले वर्ष 1989 में पश्चिमी बंगाल की रानीगंज कोयला खदान से दो दिन चले अभियान के बाद 65 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था।


20 दिन छुट्टी और एक-एक लाख की सहायता
सीएम धामी ने बताया कि एजेंसी ने सभी 41 मजदूरों को 15 से 20 दिन का अवकाश व एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी मजदूर स्वस्थ हैं। खास बात यह रही कि वे स्ट्रेचर की बजाय रेंगकर पाइप से बाहर आए। मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां सभी स्वस्थ्य हैं। उन्होंने बचाव अभियान के दौरान निरंतर समर्थन और प्रेरणा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन पर की श्रमिकों से बात
17 दिन बाद उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए श्रमिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि बाबा केदार की कृपा से आप सभी सुरक्षित बाहर आए हैं। कहा कि 16 दिन सुरंग में रहना बहुत हिम्मत की बात है, लेकिन आप लोगों ने हिम्मत बनाए रखी। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर शुभकामनाएं दीं। और श्रमिकों के बारे में मुख्यमंत्री से जानकारी ली।