भिलाई। डॉ. खूबचन्द बघेल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भिलाई-3 में पूर्व छात्रों के बहुप्रतीक्षित एलुमनी मीट का आयोजन अत्यंत उत्साह, उमंग और भावनात्मक माहौल में किया गया। यह अवसर न केवल वर्षों बाद पुराने मित्रों से पुनः मिलने का सुखद क्षण बना, बल्कि महाविद्यालय और इसके पूर्व छात्रों के बीच गहरे और स्थायी संबंधों को और प्रगाढ़ करने का माध्यम भी सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत गीत एवं पुष्पगुच्छ भेंट से हुआ। महाविद्यालय की परंपरा के अनुरूप सभी पूर्व छात्रों का तिलक कर, पारंपरिक विधि से स्वागत किया गया। इसके पश्चात आयोजित सामूहिक सेल्फी सत्र ने आयोजन को और भी रोचक बना दिया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अश्विनी महाजन ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सबसे बड़ी पूँजी उसके एलुमनी होते हैं। आपके जीवन की उपलब्धियाँ वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। इस तरह के आयोजन केवल आपसी संबंधों को सुदृढ़ नहीं करते, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि महाविद्यालय के पूर्व छात्र आज शिक्षा, प्रशासन, उद्योग, आईटी, साहित्य, कला, व्यवसाय, सामाजिक सेवा और राजनीति जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं। अनेक एलुमनी ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर महाविद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। इस भव्य आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि चाहे समय कितना भी बीत जाए, महाविद्यालय और उसके छात्रों के बीच का बंधन सदैव जीवित और मजबूत रहता है। एलुमनी मीट ने न केवल अतीत की स्मृतियों को जीवंत किया, बल्कि भविष्य की साझी योजनाओं का मार्ग भी प्रशस्त किया।

एलुमनी की स्मृतियां और अनुभव हुए साझा
कार्यक्रम का सबसे हृदयस्पर्शी हिस्सा रहा एलुमनी संस्मरण सत्र। इस दौरान कई पूर्व छात्रों ने मंच से अपने अनुभव साझा किए। किसी ने प्राध्यापकों के मार्गदर्शन को अपने जीवन का सबसे बड़ा संबल बताया। किसी ने महाविद्यालय की शिक्षा और अनुशासन को सफलता की कुंजी कहा। तो कईयों ने यहाँ बने जीवनभर के मित्रों को अपनी अमूल्य धरोहर बताया। इन संस्मरणों ने न केवल एलुमनी को उनके सुनहरे छात्र जीवन की याद दिलाई बल्कि वर्तमान छात्रों के लिए भी यह प्रेरणादायी साबित हुए।
सांस्कृतिक एवं मनोरंजक गतिविधियां
कार्यक्रम को मनोरंजक और जीवंत बनाने हेतु वर्तमान छात्रों ने लोककला, संस्कृति और पर्यटन पर आधारित गीत, नृत्य, रंगोली एवं पोस्टर प्रस्तुत किए। डॉ. अल्पना देशपांडे के मार्गदर्शन में आयोजित बलून रेल खेल सबसे आकर्षक रहा। इसमें एलुमनी ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे कार्यक्रम का वातावरण उल्लास और हंसी-खुशी से गूंज उठा। स्पर्धा में प्रथम स्थान मनोज मित्रा, द्वितीय स्थान संदीप जैन व तृतीय स्थान उपकार चंद्राकर रहे।
एलुमनी एसोसिएशन को और अधिक सक्रिय बनाने की बनी योजना
इस एलुमनी मीट में यह प्रस्ताव रखा गया कि एलुमनी एसोसिएशन को और अधिक सक्रिय बनाया जाए। इसके अंतर्गत समाज सेवा कार्यक्रमों में एलुमनी की भागीदारी, वर्तमान छात्रों के लिए कैरियर मार्गदर्शन, सेमिनार और कार्यशालाएं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और महाविद्यालय के विकास कार्यों में सहयोग जैसी पहलें शामिल की जाएंगी। खेजड़ली बलिदान दिवस के अवसर पर महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया गया। इस प्रतीकात्मक पहल ने कार्यक्रम को सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ दिया। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. नीलम गुप्ता ने प्रभावशाली ढंग से किया। अंत में डॉ. मंजूला गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सभी उपस्थित अतिथियों, एलुमनी तथा आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में विभिन्न बैचों से बड़ी संख्या में पूर्व छात्र-छात्राएँ शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. कमल किशोर शर्मा, संजय कुमार कश्यप, मंजू चंद्राकर, ईश्वर सिंह चौहान, जानवी साहू, अतुल सिंह, वर्षा पाण्डेय, हिमांशु पांडे, सुरेश कुमार, विजय कुमार यादव, प्रदीप झा, राजेश बघेल, लावण्या रेड्डी, नाग लक्ष्मी सेन, अनन्या सरकार, रश्मि प्रसाद, नीतू, मनोज मित्रा, श्याम कौशल, मनीष अग्रवाल, शीतल यादव, संदीप जैन, शांति सिंह, निलेश कुमार सिंह, अनीश कुमार, चंद्राकर, तेजेश्वर पाल, कुमारी भारती, रोहित चौधरी, एन.वी. सुषमा, रणजीत कौर, वरुण यादव, विपिन चंद्राकर, कविता वर्मा, शारदा, रविंद्र सैनी (1988 बैच), उपकार चंद्राकर, अजय कुमार साहू, अभिषेक शर्मा, धर्मराज साहू, योगेश कुमार, कुलदीप राडेकर, एल. उषा आदि उपस्थित रहे।