राजनांदगांव में लड़ाई किसान और किसानों के शोषक के बीच – गिरीश देवांगन
राजनांदगांव (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन का जनसम्पर्क अभियान जोरों पर है। राजनांदगांव क्षेत्र श्री देवांगन का ननिहाल है, इसलिए स्थानीय नागरिक उन्हें अपने भांचा के रूप में देख रहे हैं और उनके स्वागत-सत्कार में कहीं कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। राजनांदगांव में भाजपा विगत 20 वर्षों से डॉ. रमन सिंह को प्रत्याशी बनाती रही है, जो प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी करते रहे, लेकिन क्षेत्रवासियों का पूरा भरोसा हासिल करने के बाद भी वे यहां का सुनियोजित व व्यवस्थित विकास नहीं करवा पाए। खासतौर पर युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के दिशा में उन्होंने कोई सार्थक प्रयास नहीं किया। शायद यही वजह है कि इस बार राजनांदगांव में बदलाव की बयार है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सत्ता से विदाई के बाद पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में बेहतर माहौल निर्मित हुआ है, यह भूपेश बघेल सरकार की अपेक्षाकृत बेहतर कार्यप्रणाली और जनोपयोगी व जनकल्याणकारी नीतियों की वजह से ही संभव हुआ है। अब कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में गिरीश देवांगन अपनी सरकार की इन्हीं पंचवर्षीय नीतियों को लेकर चुनाव मैदान में हैं।
कांग्रेस पार्टी द्वारा पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले गिरीश देवांगन को प्रत्याशी बनाए जाने से यहां की राजनीतिक फिजा गरमा गई है। डॉ. रमन, क्योंकि सामान्य वर्ग से आते हैं, इसलिए इस सीट पर पिछड़ा वर्ग बनाम सामान्य वर्ग भी एक बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस के ओबीसी विभाग ने इसी साल जून में दुर्ग संभाग स्तरीय महासम्मेलन भी पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर आडिटोरियम में आयोजित किया था। क्षेत्र में इस वर्ग की आबादी भी बहुतायत है। कांग्रेस को इसका लाभ भी मिलता दिखता है। गिरीश देवांगन, प्रचार अभियान और संक्षिप्त सभाएं कर भाजपा प्रत्याशी को जोरदार टक्कर दे रहे हैं। श्री देवांगन की मौजूदगी से राजनांदगांव हॉट सीट बन गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए राजनांदगांव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिले की कुल 4 सीटों में से यही इकलौती सीट है, जहां 2018 के चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी। कांग्रेस ने इस बार ऐसा व्यूह रचा है कि राजनांदगांव को भी अपने पाले में कर सके। जिले की 3 सीटों डोंगरगांव, डोंगरगढ़ व खुज्जी में कांग्रेस के विधायक हैं।
खाता नहीं खोल पाएगी भाजपा
हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक बयान आया था, जिसने काफी सुर्खियां बटोरी। इस बयान के राजनीतिक मायने भी निकाले गए। श्री बघेल ने अपने बयान में दावा किया था कि राजनांदगांव में भाजपा इस बार अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी। स्पष्ट तौर पर इसका मतलब यही था कि डॉ. रमन सिंह इस बार चुनाव नहीं जीत पाएंगे। कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन ने भी कहा है कि कार्यकर्ताओं की मेहनत से राजनांदगांव में पूर्व सीएम को हराएंगे। उन्होंने कहा कि यह चुनाव पूर्व सीएम रमन सिंह के खिलाफ है, जिन्होंने 15 साल तक छत्तीसगढिय़ों के साथ धोखा किया। उनकी किसान विरोधी नीतियों के चलते हजारों किसानों ने आत्महत्या की। 2013 और 2018 के चुनाव में किसानों को बोनस देने की बात कही थी। लेकिन नहीं दिया। यह उनका किसान विरोधी चेहरा बताता है। पूर्व मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में विकास नहीं के बराबर है। राजनांदगांव के सर्वांगीण विकास के लिए यह चुनाव लड़ेंगे और जीत कर आएंगे। गिरीश देवांगन ने कहा कि भाजपा धान खरीदी में हमेशा अडंगा डालती है। धान खरीदी का काम कांग्रेस की सरकार करती है। अब तक पहले साल के बोनस को मिलाकर 332 करोड़ रुपए अतिरिक्त समर्थन मूल्य किसानों को किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है, उनके हित के लिए काम कर रही है।
धान खरीदी में अड़ंगा लगाती है भाजपा
कांग्रेस प्रत्याशी श्री देवांगन कहा कि राजनांदगांव में लड़ाई किसान और किसानों के शोषक के बीच है। प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ में आकर लगातार झूठ बोल कर जाते हैं कि छत्तीसगढ़ से धान खरीद केंद्र सरकार करती है। छत्तीसगढ़ में धान कांग्रेस सरकार अपने खुद के दम पर खरीदती है। धान खरीदने में केन्द्र सरकार का एक पैसे का भी योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धान खरीदी मार्कफेड के माध्यम से करती है, इसके लिए मार्कफेड विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेता है तथा इस ऋण के लिए बैक गारंटी राज्य सरकार देती है। धान खरीद में जो घाटा होता है उसको भी राज्य सरकार ही वहन करती है। पिछले वर्ष मार्कफेड ने लगभग 35 हजार करोड़ का ऋण धान खरीद के लिए लिया था। केंद्र सरकार तो घोषित समर्थन मूल्य से एक रुपये भी ज्यादा कीमत देने पर राज्य सरकार को धमकाती है कि वह राज्य से केन्द्रीय योजनाओं के लिये लगने वाला चावल नहीं खरीदेंगे। अकेली छत्तीसगढ़ सरकार है जो अपने धान उत्पादक किसानों को देश में सबसे ज्यादा कीमत देती है। छत्तीसगढ़ के किसानों को पिछले वर्ष धान की कीमत 2640 मिली। उत्तरप्रदेश, गुजरात, जैसे राज्यों में तो किसानों को धान का मूल्य 1100 रुपये मिलता है। छत्तीसगढ़ देश का अकेला ऐसा राज्य है जहां किसानों को प्रति एकड़ धान पर नौ हजार रुपए तथा अन्य फसल पर 10 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी मिलती है। छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है जहां पर कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष सात हजार रुपए मिलता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के खाते में 1.50 लाख करोड़ रुपये सीधे डाला है।
किसान हूँ, आजीविका खेती
श्री देवांगन ने कहा कि पार्टी ने मुझे राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रमन सिंह के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है। मैं पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूॅ। पेशे से कृषक हूं। मेरी आजीविका का साधन खेती और किसानी है। राजनांदगांव का यह चुनाव एक किसान और किसानों के शोषक के बीच है। यह चुनाव रमन सिंह के खिलाफ है, जिनके 15 साल तक मुख्यमंत्री रहते प्रदेश से 15 लाख किसानों ने आत्महत्या की। यह चुनाव रमन सिंह के खिलाफ है जिन्होंने 2008, 2013 के चुनाव में किसानों से धान पर बोनस देने का वायदा कर नहीं दिया। यह चुनाव उस रमन सिंह के खिलाफ है जिन्होंने धान की कीमत 2100 रुपये देने का वायदा कर किसानों का वोट तो ले लिया लेकिन न तो 2100 रूपए दिए, न ही 300 रूपए बोनस। यह चुनाव उन रमन सिंह के खिलाफ है जो भूपेश सरकार द्वारा 2500 में धान खरीद का विरोध करते रहे, जिनके किसान विरोधी चरित्र के कारण भूपेश सरकार ने किसानों को 2500 देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर 9000 रुपये और 10 हजार रुपये प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देना शुरू किया। प्रदेश के किसानों का आशीर्वाद व उनका समर्थन कांग्रेस के साथ है। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रतिनिधि के रूप में मैं राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहा हूं। हम बड़े अंतर से रमन सिंह को हरायेंगे। मैं राजनांदगांव के समग्र विकास के लिये चुनाव मैदान में हूं।
रमन ने सिर्फ सब्जबाग दिखाए
श्री देवांगन ने कहा कि 15 साल के अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान डा. रमन सिंह ने राजनांदगांव की जनता को सिर्फ सब्जबाग दिखाए। यदि वे चाहते तो यहां एक-दो बड़े उद्योग स्थापित करवा सकते थे। लेकिन अपने 15 वर्षीय शासनकाल में उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए अब जनता ने ठान लिया है कि वे इस बार बदलाव जरुर करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि उन्हें राजनीतिक रूप से डॉ. रमन सिंह के खिलाफ बलि का बकरा बनाया गया है, बल्कि यह लोकोक्ति रमन सिंह पर लागू होती है। कांग्रेस पार्टी यहां एकजुट होकर काम करेगी और रमन सिंह को पराजित कर राजनांदगांव की जनता इतिहास बनाने के साथ-साथ झूठे वायदे करने वालों को सबक सिखाएगी। श्री देवांगन ने कहा कि रमन सिंह ने क्षेत्र में एक भी उद्योग स्थापित नहीं किया। वे चाहते तो बीएनसी मिल को पुन: प्रारंभ करवा सकते थे। राजनांदगांव पर नजर डाले तो ऐसा लगता नहीं है कि एक मुख्यमंत्री ने विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन यहां की जनता को सिर्फ सब्जबाग दिखाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। श्री देवांगन ने स्वयं को पार्टी का निष्ठावान और अनुशासित सिपाही बताते हुए कहा कि पार्टी ने उन पर भरोसा कर राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया है, वे पार्टी के प्रादेशिक व शीर्ष नेतृत्व की अपेक्षाओं पर जरूर खरा उतरेंगे।