चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की है। इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है। उदयनिधि स्टलिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है। खेल विकास मंत्री ने आगे कहा कि सनातन नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।
उदयनिधि के बयान के बाद तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने स्टालिन परिवार पर पलटवार किया। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि उदयनिधि और उनके पिता के विचार ईसाई मिशनरियों से प्रभावित हैं। इन मिशनरियों का काम अपनी दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए इन जैसे मूर्खों को विकसित करना हैं। अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु अध्यात्म की भूमि है। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा काम जो आप कर सकते हैं। वह है इस तरह के कार्यक्रम में माइक पर अपनी निराशा व्यक्त करना।
पीएम की बजाय सनातन धर्म से लड़ रहे
सनातन धर्म को खत्म करने वाली टिप्पणी पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने उदयनिधि स्टालिन को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि मंत्री को समझना चाहिए की सनातन धर्म कोई टॉफी या बताशा नहीं है, जो मुंह में डाला और गल जाएगा। सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि जितने भी I.N.D.I.A गठबंधन से जुड़े लोग हैं वो पीएम मोदी की बजाय सनातन धर्म से लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य सनातन धर्म को खत्म करना है।

शहजाद पूनावाला ने भी स्टालिन पर साधा निशाना
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी स्टालिन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह किसी नरसंहार से कम नहीं है और इसे कांग्रेस पार्टी के कार्ति चिदंबरम ने समर्थन दिया है। यह गठबंधन की मानसिकता दिखाता है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु में कुछ लोगों की असलियत सामने आने लगी है। अभी कुछ दिन पहले हमने काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया। तमिलनाडु के हर गांव में भगवान विश्वनाथ का स्मृति है। ‘सनातन’ शाश्वत है, इन राजनीतिक टिप्पणियों से कुछ नहीं होने वाला है।