नई दिल्ली (एजेंसी). चांद की सतह पर चंद्रयान 3 को लैंड किए हुए 7 दिन गुजर चुके हैं। इस दौरान दुनिया ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO की नजरों से चांद के दक्षिणी ध्रुव का दीदार किया। खास बात है कि चांद का 1 दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। ऐसे में रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम को प्रयोगों में तेजी लानी होगी। हालांकि, इन 7 दिनों के दौरान उपलब्धियों की फेहरिस्त यहां खत्म नहीं होती है।
7 दिनों में चंद्रयान 3 ने चांद पर क्या किया
23 अगस्त: सॉफ्ट लैंडिंग के कुछ समय बाद ISRO की ओर से पहली तस्वीर जारी की गई। विक्रम के जरिए ली गई इस तस्वीर में लैंडिंग साइट का हिस्सा नजर आ रहा था। स्पेस एजेंसी ने बताया था कि लैंडर और बेंगलुरु स्थित मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (MOX) के बीच संपर्क स्थापित हो गया है। MOX इसरो की टेलीमेट्री ट्रेकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) पर स्थित है।
24 अगस्त: इसरो ने जानकारी दी, ‘भारत ने चांद पर चहलकदमी की।’ तब चंद्रयान 3 के रोबोटिक रोवर ने चलना शुरू कर दिया था। इसरो ने बताया था कि लैंडर मॉड्यूल के पेलोड्स एक्टिव कर दिए गए हैं। कहा गया, ‘सभी गतिविधियां समय पर चल रही हैं। सभी सिस्टम सामान्य काम कर रहे हैं। लैंडर मॉड्यूल पेलोड्स ILSA, RAMBHA और ChaSTE को आज शुरू किया गया।’ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बताया गया कि रविवार को SHAPE पेलोड को भी शुरू किया गया था।
25 अगस्त: ISRO ने विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर का बाहर आते हुए और चलते हुए वीडियो जारी किया। एक अन्य वीडियो में इसरो ने बताया कि कैसे रैंप की मदद से प्रज्ञान की चांद की सतह पर पहुंचाया गया। स्पेस एजेंसी ने जानकारी दी कि सोलर पैनल की मदद से रोवर को पॉवर बनाने में मदद मिली।
साथ ही शुक्रवार शाम इसरो ने बताया कि प्रज्ञान ने चांद की सतह पर 8 मीटर की दूरी तय कर ली है और इसके पेलोड्स को भी शुरू कर दिया है।
26 अगस्त: इसरो ने बताया कि चंद्रयान 3 मिशन के तीन में से दो बड़े उद्देश्यों को पूरा कर लिया गया है। इनमें चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग, चांद की सतह पर चहलकदमी और यथास्थान प्रयोग करना शामिल हैं। अब ISRO शुरुआती दो चीजों में तो सफल हो गया है, लेकिन प्रयोग का दौर अभी जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडिंग के स्थान को ‘शिव शक्तिÓ पॉइंट रखने का ऐलान किया और चंद्रयान 2 की क्रैश लैंडिंग साइट को ‘तिरंगा पॉइंट’ बनाने का फैसला किया गया। 23 अगस्त को ‘नेशनल स्पेस डे’ के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया है।
27 अगस्त: भारतीय स्पेस एजेंसी ने चांद पर तापमान से जुड़ा एक ग्राफ साझा किया। चांद पर इतने ज्यादा तापमान पर वैज्ञानिक भी हैरानी जाहिर कर रहे थे। ISRO ने बताया था कि ChaSTE पेलोड चांद की सतह पर तापमान की जानकारी जुटाई है, ताकि सतह के थर्मल बिहेवियर को समझा जा सके।
28 अगस्त: इसरो के बेंगलुरु मुख्यालय ने बताया कि प्रज्ञान सफलतापूर्वक अपने नए रास्ते पर चल रहा है। दरअसल, 27 अगस्त को ही इसरो ने जानकारी दी थी कि प्रज्ञान के रास्ते में चार मीटर डायमीटर का क्रेटर आ गया था।