यह अभियान लोगों को प्रोत्साहित करता है कि वे आत्मनिरीक्षण करें और साझा करें कि स्वतंत्रता को लेकर उनके मायने क्या हैं
भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम भारत के स्वतंत्रता दिवस 2023 पर एक मल्टी-चैनल अभियान लांच कर रही है जिसका शीर्षक है ’आज़ादी का असली मतलब’। यह अभियान एक बेहद आकर्षक फिल्म पर केन्द्रित है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की प्रगति को समेटा गया है। यह फिल्म 14 अगस्त की शाम को यूट्यूब पर लांच होगी और इसके बाद 15 अगस्त को इसे सभी लोकप्रिय मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर जारी किया जाएगा।
इस फिल्म में दिखाया गया है कि एल्यूमिनियम आधुनिक जगत के अनेक अहम अनुप्रयोगों की रीढ़ की भूमिका निभा रहा है, जो भारत को दुनिया का विश्व स्तरीय विनिर्माण एवं नवाचार केन्द्र बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसके बाद 15 अगस्त को प्रिंट अभियान आरंभ होगा जिसकी थीम होगी ’एल्यूमिनियम धरती से भारत को आकाश तक ले जाता है’। ’आज़ादी का असली मतलब’ अभियान में स्वतंत्रता को एक विस्तृत अवधारणा के तौर पर लिया गया है जो इसके मौजूदा मायनों से परे तक जाती है। आप के लिए ’आज़ादी का क्या मतलब है’ इस प्रश्न से प्रेरणा लेते हुए यह फिल्म विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को प्रोत्साहित करती है वे गहराई से सोचें की उनके लिए निजी तौर पर आजादी का क्या अर्थ है।
आज स्वतंत्रता कई रूपों में स्वयं को प्रकट कर रही है, भिन्न-भिन्न लोगों के लिए इसके मायने अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, यह फिल्म दिखाती है कि भारत एक विशाल देश है जहां अनेकों परिवार लंबी दूरियों के चलते अलग हो गए हैं, फिर चाहे वह उनके काम की वजह से हो या फिर पढ़ाई के कारण। एल्यूमिनियम आधुनिक परिवहन को सुगम बना रहा है जैसे कि एल्यूमिनियम से निर्मित रेलगाड़ियां और हवाई जहाज़, जो लोगों को एक दूसरे के पास लाते हैं। इसी प्रकार यह वीडियो दर्शाता है कि किस तरह से एल्यूमिनियम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरतों का समाधान दे रहा है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स, सैटेलाइट, रॉकेट, रक्षा उपकरणों, फाइटर जैट् आदि में एल्यूमिनियम का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है।
इस थीम को विस्तार देते हुए यह वीडियो शहरी व ग्रामीण गरीबी से उबरने की स्वतंत्रता की बात करता है, यह बताता है कि अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रचर की स्थिति से हमने आजादी पाई है, पहले एल्यूमिनियम के लिए हम आयात पर निर्भर थे, लेकिन आज इस अहम धातु के व्यापक उत्पादन से हमने उस निर्भरता से आजादी पाई है। यह फिल्म सोशल मीडिया और डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर चलाई जाएगी और इसे यहां देखा जा सकता हैः https://bit.ly/3YzMhmj
इस वीडियो के लांच से पहले ऑनलाइन टीजर जारी किए गए थे और इसके बाद अभियान के समापन से पहले इस विषय पर रचनात्मक गतिविधियां होंगी। वेदांता एल्यूमिनियम इस ऑनलाइन अभियान के साथ कई ऑफलाइन गतिविधियां भी कर रही है जिनमें शामिल हैं- देश के प्रमुख अखबारों के प्रथम पृष्ठ पर बहुभाषी विज्ञापन, कंपनी के सभी प्रचालनों में कर्मचारियों के लिए स्क्रिबल बोर्ड जहां वे अपने विचार रख सकें तथा सामुदायिक उत्सवों के माध्यम से जमीनी स्तर पर भी सक्रियता रहेगी।
अपने अनेक गुणों की वजह से एल्यूमिनियम ने खुद को एक ऐसे अहम कच्चे माल के तौर पर स्थापित किया है जो आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु महत्वपूर्ण है, अब देश का एल्यूमिनियम आपूर्ति की अस्थिरता और भूराजनीतिक उतार-चढ़ावों से मुक्त है। एल्यूमिनियम दुनिया की दूसरी सबसे अहम धातु के तौर पर हर जगह मौजूद है, इसे ’भविष्य की धातु’ कहा जाता है, इसी रूपक का उपयोग करते हुए यह अभियान अभिव्यक्त करता है कि 21वीं सदी में स्वतंत्र होने का अर्थ क्या है।
एल्यूमिनियम की विलक्षण वर्सेटिलिटी और इसके निरंतर उत्पादन की भारत की क्षमता – इन दोनों बातों के आधार पर कहा जा सकता है कि हमारे देश का विनिर्माण परिदृश्य एक बदलाव के युग से गुजर रहा है। यह धातु निम्न अहम क्षेत्रों में केन्द्रीय भूमिका निभा रही है जो आत्म निर्भर और नए भारत के लिए बेहद महत्व के हैं: हाईटैक् विनिर्माणः घरेलू एल्यूमिनियम भारत को दुनिया का विनिर्माण केन्द्र बनने की ताकत दे सकता है, क्योंकि उभरते क्षेत्रों के लिए यह महत्वपूर्ण कच्चा माल है। एयरोस्पेसः एल्यूमिनियम और इसके अलॉय आधुनिक एयरक्राफ्ट बनाने के लिए जरूरी हैं, क्योंकि इसका वज़न पर मजबूती का अनुपात उच्च है और इस पर ज़ंग नहीं लगता। औद्योगिक एवं मिलिट्री अनुप्रयोगों हेतु ड्रोन बनाने में भी यह उपयोगी है।
रक्षाः वैश्विक रक्षा क्षेत्र में हथियार, कवच एवं फील्ड कम्यूनिकेशंस के कई अत्याधुनिक अनुप्रयोगों में एल्यूमिनियम इस्तेमाल होता है; इस बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र में एल्यूमिनियम देश को आत्मनिर्भर बना रहा है। कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चरः एल्यूमिनियम का लचीलापन और टिकाऊपन इसे ’ग्रीन’ कंस्ट्रक्शन के लिए परम आवश्यक बना देते हैं। इससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में वृद्धि होती है और आत्मनिर्भर भविष्य के लिए पर्यावरण अनुकूल विकल्प मिलते हैं। ऑटोमोटिवः वज़न पर मजबूती के उच्च अनुपात और टिकाऊपन के चलते एल्यूमिनियम को ऑटोमोटिव सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा अपनाया जा रहा है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ने एवं वाहनों का भार कम रखने में मददगार है।
विद्युत उत्पादन एवं वितरणः नैट् ज़ीरो की ओर दुनिया को ले जाने में एल्यूमिनियम अहम रोल अदा कर रहा है, यह सोलर पैनल और विंड टर्बाइन जैसी तकनीकों के जरिए नवीकरणीय ऊर्जा की उन्नति को गति दे रहा है। यह बिजली के वितरण एवं भंडारण हेतु भी आवश्यक है। पैकेजिंगः एल्यूमिनियम को अनंतकाल तक रिसाइकल किया जा सकता है इसलिए पैकेजिंग उद्योग इसके उपयोग हेतु प्रोत्साहित हुए हैं जैसे एल्यूमिनियम फॉइल व कैन्स; इससे प्लास्टिक प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी और धरती का संरक्षण संभव होगा।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2022 में दूसरी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।