रायपुर। पूरे छत्तसीगढ़ में भीषण गर्मी पड़ रही है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में मई के महीने में चिलचिलाती धूप के साथ गर्मी अब पूरे शबाब पर है। बीते दिनों बदले हुए मौसम और बेमौसम बरसात से जहां गर्मी से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली थी। लेकिन अब भीषण गर्मी पड़ रही है। दोपहर में कामकाजी लोग मुंह और सिर पर गमछा बांध गर्मी से बचाव कर रहे हैं तो गर्मी से राहत पाने के लिए ठंडा पेय जल और गन्ने के रस का भी सहारा ले रहे हैं। हालांकि, शाम ढलते ढलते मौसम राहत देने वाला हो जाता है।
वहीं जीपीएम जिले में मैकल पर्वत श्रेणी का इलाका होने के कारण यहां गर्मी से कम ही सामना होता है। लेकिन प्रकृति के लगातार दोहन के कारण अब गौरेला पेंड्रा मरवाही इलाके में भी गर्मी महसूस होने लगी है। सप्ताह भर पहले पश्चिमी विक्षोभ के कारण सप्ताह भर की लगातार बारिश मौसम में आद्रता लाई थी। परंतु अब वापस सूरज की रोशनी से तपन है। राहत देने वाली बात यह है कि यहां मौसम में उमस नहीं होती जिसके कारण आम जनजीवन इतना प्रभावित नहीं होता है। लोग धूप से बचने के लिए स्कार्फ और गमछा बांधकर अपना काम चला लेते हैं। वहीं गर्मी में सुखे गले को तर करने के लिए गन्ने का रस पी रहे हैं। आने वाले समय में मौसम ऐसा ही रहने वाला है।
लू से बचने के लिए बरते ये सावधानियां, करें ये उपाय
गरियाबंद जिले में भीषण गर्मी पडऩे के साथ लोगों को लू लगने की संभावना है। जिससे आम जन जीवन और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। जिसे देखते हुए कलेक्टर प्रभात मलिक ने जिलेवासियों से आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करने की अपील की है।
लू के लक्षण
सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख न लगना और बेहोश होना।
लू से बचाव के उपाय
इसके लिए बहुत जरूरी है कि घर में ही रहें, जरूरी हो तो तभी बाहर निकलें। धूप में निकलने से पहले सर और कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें। पानी अधिक मात्रा में पिये। अधिक समय तक धूप में न रहें। गर्मी के दौरान मुलायम सूती कपड़े पहने। ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस का घोल बनाकर पिये। चक्कर, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करें। शीतल पेय जल पिये, फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें।
प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लें। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह लें। लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार जैसे बुखार से पीडि़त व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगायें, कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि, बीमार व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटायें, शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें, पीडि़त व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सा केंद्र में उपचार के लिए लेकर जाएं। आंगनबाड़ी मितानिन और ए.एन.एम. से ओ.आर.एस के पैकेट के लिए संपर्क करें।
गर्मी में लू के दौरान क्या करें
भीषण गर्मी में लू से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीये भले ही प्यास न लगे। मिर्गी या हृदय, गुर्दे या लीवर से संभावित रोग वाले जो तरल प्रतिबंधित आहार लेते हो या जिनको द्रव्य प्रतिधारण की समस्या है, उनको तरल सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें। अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस का घोल, घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करें।
गर्मी में लू के दौरान क्या न करें
धूप में बाहर जाने से बचें, नंगे पांव बाहर न जाएं, दोपहर के समय खाना पकाने से बचें, शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें, ये शरीर को निर्जलित करते हैं। अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचें।
बरतें सावधानियां
जितना हो सके घर के अंदर रहें, नमक, जीरा, प्याज का सलाद और कच्चे आम जैसे पारंपरिक उपचार हीट स्ट्रोक को रोक सकते हैं। बंद वाहन में बच्चे और पालतू जानवरों को अकेला न छोडें, पंखे और नम कपड़े का प्रयोग करें। ठंडे पानी में स्नान करें। अपने घर या कार्यालय में आने वाले विक्रेताओं और सामान पहुंचाने वाले लोगों को पानी पिलाये और घर के आस पास पेड़ लगायें। सूखी पत्तियों, कृषि अवशेषों और कचरे को न जलायें।