सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बुधवार को अलग ही नजारा देखने को मिला। 12 साल बाद यहा राज मंडाई मेले का आयोजन किया गया। चार दिवसीय मेले के अंतिम दिन बुधवार को छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा मेले में शामिल हुए और इस दौरान उनका अलग ही अंदाज देखने को मिला। आदिवासी परंपरा को बेहद नजदीक से देखने वाले व इसको मानने वाले मंत्री लखमा ने यहां खुद पर कोड़े बरसाए और मोर फंख लेकर झूमकर नाचे। पारंपरिक अंदाज में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान वे झूमकर नाचे। इनका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
12 साल बाद आयोजित इस मेले में आदिवासी परंपरा की झलक दिखाई दी। मेला स्थल पर स्थापित देवी- देवताओं की पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद सभी मांझी व पुजारी के साथ पटेल राजवाड़ा पहुंच कर जमींदार परिवार को न्योता दिया। इसके बाद राजाराम मनोज देव पालकी पर सवार होकर मेले स्थल पहुंचे। इसके बाद जगह जगह पूजा अर्चना की गई। 12 साल बाद आयोजित मेले में जहां आधुनिकता के साथ-साथ संस्कृति व परंपराओं की झलक देखने को मिली। ओड़िशा से आए राजपरिवार के देव पोतराज, कमनराज व बालराज के पुजारियों ने गाल में नुकीली लोहे की छड़ घुसाकर ढोल व नृत्य किया। ये लोहे की छड़ करीब 1 मीटर से ज्यादा थी। वही सभी देवी के सामने पुजारी व भक्तजन नृत्य करते दिखे। इसके अलावा मेले स्थल में पुरानी परंपराओं को देखने को मिला।
