नई दिल्ली (एजेंसी)। मोदी सरकार देश की सुरक्षा प्रणालियों को और अधिक समृद्ध बनाने में लगी हुई है। इसी बाबत रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में नौसेना के लिए 1700 करोड़ से अधिक की लागत से 13 LYNX U2 Fire Control Systems की खरीद के लिए समझौता किया था। वहीं अब नौसेना के पूर्व वाइस चीफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने भी नौसेना की बढ़ती ताकत को लेकर अहम जानकारी दी है। उन्होंने शनिवार को कहा कि सुरक्षा पर पीएम मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट कमेटी ने 6 अगली पीढ़ी की मिसाइल से लैस जहाजों और 11 अगली पीढ़ी के ऑफशोर पेट्रोल जहाजों सहित दो महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इससे भारतीय नौसेना की क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि यह नेवी से रिटायर होने वाले मिसाइल जहाजों की जगह लेंगे। उन्होंने कहा कि यह नौसेना और राष्ट्र की सुरक्षा को बढ़ावा देगा। ये अपतटीय गश्ती जहाज हमें समुद्र में निगरानी क्षमता प्रदान करेंगे। विशाल हिंद महासागर को देखते हुए जरूरी है कि हमें अपने मिशन-आधारित तैनाती के तहत निगरानी और ट्रैक करना है।
नौसेना के पूर्व वाइस चीफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने कहा कि यह जहाज एक स्वदेशी संयुक्त उद्यम है। इस पर नेक्स्ट जेनरेशन मैरीटाइम मोबाइल कोस्टल बैटरी (लॉन्ग रेंज) ((NGMMCB-LR) और ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात किया जाएगा। जो जमीन और समुद्र दोनों जगह ही दुश्मन को नेस्तनाबूद करने में सक्षम होगा। नौसेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि यह दोनों ही राष्ट्र की समुद्री सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नेक्स्ट जेनरेशन मैरीटाइम मोबाइल कोस्टल बैटरी के साथ हम उन्हें रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने में सक्षम होंगे। जिससे पूर्व या पश्चिम से किसी भी खतरे पर नजर रखी जा सके और उसे बेअसर किया जा सके।
गौरतलब है कि नौसेना के उप प्रमुख एस एन घोरमडे 39 साल से अधिक समय तक सेवा देने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए थे। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नौसेना के उप प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य-प्रुफ नौसेना के निर्माण और निर्वाह की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।