भिलाई। छत्तीसगढ़ में ठंड और गर्मी के बीच मौसम का मिजाज बदल गया है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हुई बारिश ने उमस बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न भागों में गरज के साथ हल्की बारिश हुई। राजधानी रायपुर सहित दुर्ग भिलाई व अन्य जिलों में शनिवार को सुबह से ही बादल छाए रहे और बारिश भी हुई। यही नहीं प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओले भी गिरे। मौसम विभाग के अनुसार आने दो दिन और मौसम ऐसे ही रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार छत्तीसगढ़ में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान तथा पूर्वोत्तर राजस्थान में निचले स्तर पर दो चक्रवात तथा दक्षिण की एक द्रोणिका की वजह से मौसम बदला हुआ है। इसी क्षेत्र से लगातार बादल आ रहे हैं। शनिवार को छत्तीसगढ़ में कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बौछारें तथा अंधड़ के साथ ओले गिरे। बीते 24 घंटे में बस्तर के सुकमा और कोंटा में 50-50 मिमी बारिश रिकार्ड किया गया। वहीं बीजापुर, उसूर में 30 और भोपालपट्टनम में 20 मिमी बारिश हुई। बिलासपुर, पेंड्रारोड, जगदलपुर, राजनांदगांव और दुर्ग जिले में भी बारिश हुई।

बारिश के साथ चली तेज हवा, फसलों को नुकसान
दो दिन से बदले मौसम व बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। गेहूं की जो फसल पक गई है वह बारिश के कारण बालियां टूटने से बुरी तरह से प्रभावित हुई। तेज हवा के कारण फसल गिर गई। उधर सरसों पर बारिश और हवा दोनों का बुरा असर पड़ा। किसान तो वैसे ही परेशान हैं और बारिश ने उन्हें और भी परेशान कर दिया है। मौसम विभाग आगे भी बारिश और तेज हवा चलने की आशंका जता रहा है। खास तौर से 20 व 21 मार्च को तेज बारिश होने की बात कही जा रही है। यानी किसानों के लिए अगला एक सप्ताह भी संकट भरा रहने वाला है।

तापमान में गिरावट
बारिश के कारण तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। दो दिन से बारिश देर रात तक रुक-रुक कर होती रही। इसके साथ ही बदले मौसम का असर महुआ संग्रह को पर बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है। बारिश एवं तूफान की वजह से महुआ की फसल को खासा नुकसान हुआ है। लगभग 15 दिनों तक गिरने वाला महुआ की फसल अब बमुश्किल एक-दो दिन ही और गिरेगी। हालांकि ओले नहीं गिरने से सब्जियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन, लगातार चले तूफान ने टमाटर एवं सब्जी उत्पादकों को काफी नुकसान पहुंचाया है।
सेक्टर-7 में निर्माणाधीन भवन का भाड़ा गिरा
बारिश व आंधी के कारण सेक्टर-7 में निर्माणधीन भवन का भाड़ा ढह गया। भवन निर्माण में बंधा भाड़ा आंधी के कारण तेजी से गिर गया जिसके कारण साइड की दीवार भी ढह गई। मौके पर कोई माजदूर नहीं होने से जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि निर्माणाधीन भवन को काफी नुकसान हुआ है।