रायपुर। कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि हम यहां ऐसे समय में जमा हुए हैं जब देश में लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। संसदीय संस्थानों को गंभीर संकटों का सामना करना पड़ रहा है और राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। महाधिवेशन में संचालन समिति की बैठक में उद्घाटन भाषण देते हुए खरगे ने सदस्यों से खुलकर अपनी बात रखने और सामूहिक रूप से निर्णय लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, आप लोग जो भी निर्णय लेंगे वह मेरा और हममें से हर किसी का निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल लोकसभा का चुनाव है, ऐसे में यह महाधिवेशन हमारे लिए चुनौती के साथ अवसर भी है। भारत जोड़ो यात्रा का उल्लेख करते हुए खरगे ने कहा, इसने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है।
कार्यसमिति में 50 प्रतिशत आरक्षण
कांग्रेस संचालन समिति ने पार्टी संविधान में कई संशोधनों को मंजूरी दी है। सर्वशक्तिशाली कार्यसमिति में पूर्व प्रधानमंत्रियों, पार्टी के पूर्व अध्यक्षों व लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के नेताओं को स्थायी सदस्यता दी गई। इसके बाद सीडब्ल्यूसी सदस्यों की संख्या 25 से ज्यादा हो जाएगी। कार्यसमिति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और युवाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सभी निकायों में इन वर्गों को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
पहली बार गांधी परिवार के बिना बैठक
25 साल में पहली बार संचालन समिति की बैठक में गांधी परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। संचालन समिति ने उनके बिना ही कार्यसमिति के सदस्यों के मनोनयन के लिए खरगे को अधिकृत किया। माना जा रहा है कि गांधी परिवार यह संदेश देना चाहता था कि खरगे को पार्टी का नेतृत्व करने के लिए फ्री हैंड दिया गया है। परिवार का इसमें कोई दखल नहीं है। भाजपा लगातार यह आरोप लगाती रही है कि गांधी परिवार पर्दे के पीछे से नेतृत्व संभाले हुए है। शुरू में यह अफवाह भी उड़ी कि गांधी परिवार महाधिवेशन में नहीं आएगा। हालांकि, दोपहर तीन बजे के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी विशेष विमान से रायपुर पहुंचे।