ShreeKanchanpathShreeKanchanpath
  • होम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • दुर्ग-भिलाई
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • स्पोर्ट्स
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • E-Paper
Reading: Gustakhi Maaf: कांग्रेस की हालत हस्तिनापुर के महारथियों जैसी
Share
Notification Show More
Latest News
Gustakhi Maaf: बिहार में मानव बलि के विरोध में 5 लोगों की बलि
Gustakhi Maaf: बिहार में मानव बलि के विरोध में 5 लोगों की बलि
July 9, 2025
shreekanchanpath 266 # 09 July 2025
shreekanchanpath 266 # 09 July 2025
July 9, 2025
बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : सीएम साय
बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : सीएम साय
July 9, 2025
उफान पर महानदी, 10 से 15 फीट ऊपर जलस्तर बढऩे से अमेठी एनीकट पुल जलमग्न; आवाजाही ठप
उफान पर महानदी, 10 से 15 फीट ऊपर जलस्तर बढऩे से अमेठी एनीकट पुल जलमग्न; आवाजाही ठप
July 9, 2025
कुआं बना एक्सपायरी दवा खपाने का अड्डा, कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी
कुआं बना एक्सपायरी दवा खपाने का अड्डा, कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी
July 9, 2025
Aa
ShreeKanchanpathShreeKanchanpath
Aa
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • स्पोर्ट्स
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • E-Paper
Search
  • होम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • दुर्ग-भिलाई
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • स्पोर्ट्स
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • E-Paper
Follow US
© Copyright ShreeKanchanpath 2022 | All Rights Reserved | Made in India by Anurag Tiwari
ChhattisgarhDurg-BhilaiFeatured

Gustakhi Maaf: कांग्रेस की हालत हस्तिनापुर के महारथियों जैसी

By Om Prakash Verma Published February 19, 2023
Share
Gustakhi Maaf: बिहार में मानव बलि के विरोध में 5 लोगों की बलि
Gustakhi Maaf: बिहार में मानव बलि के विरोध में 5 लोगों की बलि
SHARE

-दीपक रंजन दास
कांग्रेस की जो हालत आज है, उसे देखकर बरबस हस्तिनापुर की याद ताजा हो जाती है। महाभारत काल में हस्तिनापुर का राजदरबार सर्वाधिक सुसज्जित दरबार था। धृतराष्ट्र, गंगापुत्र भीष्म, आचार्य द्रोण सहित एक से बढ़कर एक महारथी और ऋषि इस दरबार की शोभा बढ़ाते थे। मगर यह एक जाती हुई पीढ़ी थी जो अप्रासंगिक हो चुकी थी। नया दौर, हठी युवा राजकुमार दुर्योधन का था। मामा शकुनी चाभी भरते थे। इस आक्रामकता का अंत कैसे हुआ, यह किसी से छिपा नहीं है। इस युद्ध में पाण्डव किसी तरह सुरक्षित रहे तो केवल भगवान श्रीकृष्ण के कारण जो सारथी बनकर इनका मार्गदर्शन करते रहे। स्थितियां आज भी बहुत ज्यादा नहीं बदली हैं। सच्चाई आज भी सीधी-सादी है और झूठ बेहद आकर्षक। इसमें सच्चाई की फीकी कथाएं नहीं हैं। इसमें कूटरचित रंग-बिरंगी कहानियां हैं। यह भी एक तरह का दर्शन है। बेचना आए तो मिट्टी, चाय, यहां तक कि योग को भी बेचा जा सकता है। जमाना मार्केटिंग विशेषज्ञों का है जो जरूरतें पैदा करने में महारत रखते हैं। पिछले 500-700 साल का इतिहास खंगाल कर चतुरों ने उसमें से छांट-छांट कर कुछ किस्सों को इक_ा किया। इनके प्रसंगों को या तो विस्मृत कर दिया या बदल दिया। इसका एकमात्र उद्देश्य इतिहास का एक ऐसा चेहरा दिखाना था जो युवाओं को भ्रमित कर सके। युवा यह तक न देख सके कि जो लोग परिवारवाद का विरोध करते हैं, वे ही लोग सनातन की बातें भी करते हैं। यदि सनातन व्यवस्था नहीं होती तो अंधे धृतराष्ट्र को राजा बनाने की मजबूरी न होती। यदि सनातन व्यवस्था न होती तो भरत को राजा बनाने के लिए राम को बनवास देने की जरूरत भी नहीं होती। दरअसल, सनातन और परिवारवाद एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। आधुनिक शिक्षा के आने से पहले तक बालक अपने पिता से ही हुनर सीखते थे और बालिकाएं अपनी माता से। किसान का बेटा किसान, राजा का बेटा राजा, सुतार का बेटा सुतार और बढ़ई का बेटा बढ़ई होता था। आधुनिक शिक्षा ने इसमें व्यवधान उत्पन्न किया। लोग अपनी-अपनी पसंद का विषय पढऩे लगे। पारिवारिक विशेषज्ञता जाती रही। औद्योगिक क्षेत्रों में लोग किसी तरह गणित विषय के साथ हायर सेकण्डरी और फिर आईटीआई, पालिटेक्नीक या इंजीनियरिंग करने लगे। संपन्नों के बच्चे डाक्टर या वैज्ञानिक बनने की चाह के साथ विज्ञान पढ़ते रहे। शेष बच्चे कला के क्षेत्र में पढ़ाई कर शिक्षक आदि बनने लगे। इसका एकमात्र लक्ष्य नौकरी प्राप्त करना था। वर्ण व्यवस्था हाशिए पर आ गई। ब्राह्मण और क्षत्रियों की बेटियां नाई का काम सीखने लगीं। अब वे महिलाओं के नाखून तराशती हैं, बाल काटती हैं। वे ब्यूटीशियन कहलाती हैं और उनकी दुकानों को पार्लर कहते हैं। जब दुनिया इतना आगे निकल आई है तब पीछे सनातन में लौटने की बातें हो रही हैं। लोग मान भी रहे हैं। जाहिर है उन्होंने कभी विषय को गंभीरता से समझा ही नहीं है। वो तो केवल हंगामे के साथ हैं।

You Might Also Like

Gustakhi Maaf: बिहार में मानव बलि के विरोध में 5 लोगों की बलि

बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : सीएम साय

उफान पर महानदी, 10 से 15 फीट ऊपर जलस्तर बढऩे से अमेठी एनीकट पुल जलमग्न; आवाजाही ठप

कुआं बना एक्सपायरी दवा खपाने का अड्डा, कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी

नक्सलियों के बिछाए आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के दो जवान घायल, सर्चिंग जारी

Om Prakash Verma February 19, 2023
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link
Share
Previous Article हत्या के 20 दिन पहले कराया 16 लाख का बीमा, चाकू से किए कई वार, अवैध संबंध में बन रही थी बाधा हत्या के 20 दिन पहले कराया 16 लाख का बीमा, चाकू से किए कई वार, अवैध संबंध में बन रही थी बाधा
Next Article एजुकेशन फ्रेंडली माहौल में बच्चों को मिल रहा निखरने का मौका, आर्थिक अभाव नहीं बन रही बाधा, मिल रही बच्चों को उकृष्ट शिक्षा एजुकेशन फ्रेंडली माहौल में बच्चों को मिल रहा निखरने का मौका, आर्थिक अभाव नहीं बन रही बाधा, मिल रही बच्चों को उकृष्ट शिक्षा
× Popup Image

Ro.No.-13286/35

#BhilaiNews  #SeemantKashyap  #KPNews  #GroundReport  #ViralNews #cgnews
#BhilaiBuzz   #LocalUpdate  #BreakingNews  #ChhattisgarhNews  #RealIndia
Bhilai में पैग कम बनाना पड़ा भारी...Ground पर अलग ही माहौल... | Seemant Kashyap | KP News
Subscribe

Advertisement

Advertisement


RSS MP News Feed

You Might Also Like

Gustakhi Maaf: बिहार में मानव बलि के विरोध में 5 लोगों की बलि

Gustakhi Maaf: बिहार में मानव बलि के विरोध में 5 लोगों की बलि

July 9, 2025
बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : सीएम साय

बुद्ध प्रतिमा की स्थापना से मैनपाट बनेगा शांति और समावेशी संस्कृति की नई पहचान : सीएम साय

July 9, 2025
उफान पर महानदी, 10 से 15 फीट ऊपर जलस्तर बढऩे से अमेठी एनीकट पुल जलमग्न; आवाजाही ठप

उफान पर महानदी, 10 से 15 फीट ऊपर जलस्तर बढऩे से अमेठी एनीकट पुल जलमग्न; आवाजाही ठप

July 9, 2025
कुआं बना एक्सपायरी दवा खपाने का अड्डा, कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी

कुआं बना एक्सपायरी दवा खपाने का अड्डा, कमीशन के चक्कर में मनमाने तरीके से दवाइयों की खरीदी

July 9, 2025
Logo

छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

क्विक लिंक्स

  • होम
  • E-Paper
  • Crime
  • Durg-Bhilai
  • Education

Follow Us

हमारे बारे में

एडिटर : राजेश अग्रवाल
पता : शॉप नं.-12, आकाशगंगा, सुपेला, भिलाई, दुर्ग, छत्तीसगढ़ – 490023
मोबाइल : 9303289950
ई-मेल : shreekanchanpath2010@gmail.com

© Copyright ShreeKanchanpath 2022 | All Rights Reserved | Made in India by Anurag Tiwari

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?