रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार हो रही जनप्रतिनिधियों की हत्या के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार एक्शन मोड़ में हैं। हाल के दिनों में हुई तीन भाजपा नेताओं की हत्या के मामले में छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक ने NIA से जांच की मांग की है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने एनआइए के डीजी को पत्र लिखा बस्तर में हो रही जनप्रतिनिधियों के हत्या के मामले की जांच की मांग की है।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने कहा है कि केंद्रीय सुरक्षा बल और राज्य पुलिस के प्रयास से विगत वर्षों में नक्सली उन्मूलन में काफी सफलता मिली है। इस सफलता से माओवादियों का इलाका लगातार सिकुड़ने लगा है और नक्सलियों में बौखलाहट भी दिख रही है। यही कारण है कि नक्सली अब आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। आम लोगों व जनप्रतिनिधियों पर पुलिस का साथ देने का आरोप लगाते हुए उनकी हत्या कर रहे हैं। बीते दिनों भाजपा के तीन नेताओं की हत्या भी इसी बौखलाहट का नतीजा है। अब इस मामले में छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने एनआईए के महानिदेशक को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।
भयमुक्त शासन व्यवस्था के लिए सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार भयमुक्त एवं विधिसम्मत शासन व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने अपराध पर लगाम लगाए जाने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के संवेदनशील रवैये के साथ नक्सलवादियों के आत्मसमर्पण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि विकास,विश्वास और सुरक्षा की रणनीति के कारण ही प्रदेश में नक्सली हिंसा की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगी है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले चार वर्षों में नक्सली उन्मूलन को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा पुलिस आधुनिकीकरण के कार्य किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को आधुनिक हथियार, सुरक्षा उपकरण, आवश्यक प्रशिक्षण एवं वाहन उपलब्ध करा रही है।

555 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
बीते वर्ष सरकार के द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर और छत्तीसगढ़ पुलिस के संवेदनशील व्यवहार के कारण 555 नक्सलवादियों ने आत्मसमर्पण किया है जो एक बड़ी सफलता है। इसी दौरान 46 नक्सलवादियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत भी हुई है। बीते चार वर्षों में नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में 900 से अधिक परिवारों को मुकदमों से मुक्ति दिलाई जा चुकी है जो सरकार की आदिवासियों के हित में दूरदर्शी सोच और पुलिस की संवेदनशीलता से संभव हो पाया है।
सरकार ने सुरक्षा और विश्वास को लेकर किया कार्य
बस्तर को लेकर चार वर्ष पहले तक देश में कई भ्रांतियां थीं। लेकिन इन चार वर्षों में सरकार ने सुरक्षा और विश्वास को लेकर कार्य किया है। इस दौरान बस्तर क्षेत्र में विकास के कार्य हुए हैं। इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बंद पड़े स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया, नए अस्पताल खोले गए, ग्रामीणों के लिए पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गयीं। प्रत्येक गांव में राशन दुकान खोले गए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है और आदिवासियों को उनकी जमीनें वापस कराई गई है।




