ट्यूबरकुलोसिस यानी टीबी एक गंभीर रोग है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। साल 2022 की विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के कारण टीबी का इलाज बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ और इस वजह से सालों से लगातार घट रहे टीबी के मामलों में वृद्धि आ गई। भले ही यह एक पुराना रोग है, लेकिन कई लोगों को इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं है। आइए आज इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
अधूरी जानकारी रोग को बना सकती है अधिक गंभीर
ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह भारत में हर एक लाख में से 210 लोगों को प्रभावित करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्यूबरकुलोसिस में सबसे ज्यादा फेफड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह हड्डियों और मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर के किसी भी अंग में फैल सकता है। इस रोग का अधूरा इलाज बैक्टीरिया को अधिक घातक और इलाज के लिए कठिन बना देता है।
ट्यूबरकुलोसिस होने के कारण
ट्यूबरकुलोसिस होने का मुख्य कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के संपर्क में आना है। अगर आप इस रोग से संक्रमित व्यक्ति के साथ बहुत देर तक रहते हैं तो आपके इससे प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर आप धूम्रपान करते हैं या अस्पताल में काम करते हैं तो आपको यह रोग होने का खतरा अधिक है।
ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण
सीने में दर्द, तीन हफ्ते से अधिक समय तक खांसी होना, खून वाली खांसी और बुखार इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके अतिरिक्त, सांस लेने में तकलीफ, शाम के समय बुखार चढऩा, भूख में कमी, तेजी से वजन घटना और थकान महसूस करना भी इस रोग के लक्षणों में शामिल समस्याएं हैं। इस रोग से शरीर के सभी अंगों का कामकाज भी काफी प्रभावित होता है।
ट्यूबरकुलोसिस का इलाज
ट्यूबरकुलोसिस का इलाज काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार से पीडि़त हैं। अगर इस रोग की शुरूआत है तो इसके बैक्टीरिया को दवा से मारा जा सकता है ताकि यह सक्रिय न रहे। आमतौर पर इसकी दवा का कोर्स नौ महीने तक रहता है। ध्यान रखें कि इलाज को नजरअंदाज करने या अधूरा छोडऩे पर ट्यूबरकुलोसिस मृत्यु का कारण बन सकता है।
ट्यूबरकुलोसिस से बचाव के उपाय
वैसे तो ट्यूबरकुलोसिस का इलाज संभव है, लेकिन इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना सबसे अच्छा है। समय-समय पर अच्छे से हाथ धोना, वैक्सीनेशन करवाना और मरीजों के संपर्क में आने से बचना इसके कुछ निवारक उपाय हैं। अगर आप ट्यूबरकुलोसिस से पीडि़त हैं तो किसी अन्य व्यक्ति के साथ होने पर मुंह पर मास्क लगाकर रखें और खांसते या छींकते समय रूमाल का इस्तेमाल करें।