राजिम। प्रदेश के छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का राजिम के प्रति लगाव कितना है इस बात का अंदाजा शहर के चौमुखी विकास को देख कर ही लगाया जा सकता है। 3 महीने के अंदर उनका तीसरी बार राजिम आगमन हुआ है और तीनों ही बार भरपूर समय दिया महाशिवरात्रि के दिन उनका चौथी बार आगमन होना है जब भी वह राजिम पहुंचे हैं विकास की सौगात लगा दी। राजिम पुन्नी मेला के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि होने की जानकारी जैसे ही क्षेत्रवासियों को मिली शाम होते-होते अपार जनसमूह कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। जैसे ही मंच पर उनका आगमन हुआ उपस्थित जनसमूह के द्वारा तालियों की गडग़ड़ाहट से शानदार स्वागत किया गया। इस बीच जैसे ही मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन के लिए माइक के पास पहुंचे और कहा की कका अभी जिंदा है। मुख्यमंत्री के मुख से इतना सुनते ही दर्शकों में अधिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके भाषण के दौरान बीच-बीच में तालियां बजाकर अभिवादन करते रहे।

छत्तीसगढ़ के जनता के बीच अपनी लोकप्रियता का अमिट छाप बना चुके मुख्यमंत्री को देखने सुनने ही अपार जनसमूह पहुंचे हुए थे जब तक मंच पर उपस्थित रहे चारों और खचाखच भीड़ ही भीड़ नजर आई। दर्शक दीर्घा में मौजूद दूर-दराज के गांव से आए कई लोगों से चर्चा करने पर बताया कि वह अपने चहेते मुख्यमंत्री को देखने और उनका भाषण सुनने के लिए देर रात तक रुके हुए हैं। हांलाकि घर जाने में थोड़ी देर जरूर होगी लेकिन हमारे मुखिया के उद्बोधन को सुनने के बाद ही अपने घर की ओर रवाना होंगे। वैसे इस बार मेले में महोत्सव स्थल की व्यवस्था काफी जबरदस्त बनाया गया है। पूरे दर्शक दीर्घा में कुर्सियां लगाई गई है। अलग-अलग घेरा बना दिया गया है जिससे लोगों को आने जाने में परेशानी ना हो। पत्रकार दीर्घा को भी बेहतरीन व्यवस्था और कवरेज करने की जोरदार सुविधा देखने को मिल रही है।


मुख्यमंत्री ने लिया आतिशबाजी का आनंद
यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री शुभारंभ अवसर में पहुंचे हैं। उन्होंने यहां के आयोजन का खुले मन से सराहना की है। मुख्यमंत्री ने धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू व जिला प्रशासन को बधाई दी। मुख्यमंत्री पहली बार राजिम मेला में आयोजित भव्य आतिशबाजी को देखकर अभीभूत हुए। उन्होंने स्वयं इस पल को निहारा और आयोजन की सराहना कीमुख्यमंत्री ने कहा कि आयोजन को देखकर ऐसा लग रहा है कि यहां कोई देवता उतर आया है। जिला प्रशासन ने भी इस बार एक सप्ताह पहले से ही तैयारी कर चाक-चैबंद व्यवस्था की है, जिसका असर आज श्रद्धालुओं की भीड़ और उपस्थिति को देखते ही लगाया जा सकता है।
