भिलाई। सुपेला स्थित लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय में ट्रेन हादसे में मृत युवक के पोस्टमार्टम में बड़ी लापरवाही सामने आई है। मृतक के परिचित मरच्यूरी के बाहर डॉक्टर का इंतजार करते रहे और इधर पोस्टमार्टम भी हो गया। शव ले जाने से पहले परिचितों ने जमकर हंगामा किया। इनका आरोप है कि डॉक्टर पहुंची नहीं तो पोस्टमार्टम कैसे हो गया। वहीं मरच्यूरी के कर्मचारी का कहना था कि डॉक्टर ने खिड़की से इंट्रक्शन दिया और उसने शव का पोस्टमार्टम कर दिया। इस पूरे मामले में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
मिली जानकारी के अनुसार यह मामला 4 फरवरी का है। कैंप-1 राम मंदिर के रहने वाले युवक मनोज राय उर्फ चंदन की ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी। भट्ठी पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पंचानामा के बाद सुपेला शास्त्री हॉस्पिटल में शव को पीएम के लिए भेजा गया। उसी दिन दोपहर 2 से 2:30 के बीच शव का पीएम किया गया। इसके बाद जब परिजनों को शव सौंपने के लिए मरच्यूरी में बुलाया गया तो भारी हंगामा हुआ। शव लेने पहुंचे लोगों ने सवाल उठाया कि बिना डॉक्टर की मौजूदगी के कैसे पोस्टमार्टम कर दिया। यह देख मरच्यूरी का कर्मचारी काशी प्रसाद भी हड़बड़ा गया। परिचितों ने इस पूरे हंगामे का वीडियो बना लिया है। जिसमें मरच्यूरी का कर्मचारी काशी प्रसाद कह रहा है कि डॉक्टर खिड़की देखकर गई हैं।

सिजेरियन केस की बात कह रहा था कर्मचारी
मरच्यूरी के कर्मचारी काशी प्रसाद का कहना है कि 4 फरवरी को डॉ मंजू राठौर को पोस्टमार्टम करना था। उस दिन सिजेरियन ऑपरेशन होने के कारण मैड़म व्यस्त थी और उन्होंने खिड़की से देख कर पोस्टमार्टम कराया। काशी प्रसाद का कहना है कि डॉक्टर मंजू राठौर पोस्टमार्टम रूम नहीं आई लेकिन उन्होंने खिड़की से देखकर पोस्टमार्टम कराया। इधर काशी प्रसाद की बात सुनकर शव लेने पहुंचे लोग काफी आक्रोशित हो गए और जमकर बवाल किया। इस मामले की शिकायत ऊपर तक करने की बात कही।

बिना डॉक्टर के पोस्टमार्टम हो ही नहीं सकता
इस संबंध में दुर्ग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जेपी मेश्राम का कहना है कि बिना डॉक्टर की मौजूदगी के पोस्टमार्टम होना संभव ही नहीं है। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर की मौजूदगी अनिवार्य होती है। खिड़की से देखकर कोई कैसे इंस्ट्रक्शन दे सकता है। यह बड़ी लापरवाही है। यदि शास्त्री हॉस्पिटल में ऐसा हुआ है तो इसकी जांच होगी और कार्रवाई भी होगी।
डॉक्टर ने भी माना खिड़की से दिया दिशानिर्देश
शास्त्री हॉस्पिटल की डॉ मंजू राठौर ने भी माना कि उसने खिड़की से देखकर इंस्ट्रक्शन दिए। इस पूरे मामले में डॉ मंजू राठौर ने Shreekanchanpath.com को बताया कि 4 फरवरी को विश्व केंसर डे था और उस दिन कुछ सिजेरियन ऑपरेशन भी करने थे। डॉ मंजू कहना है उनकी मौजूदगी में ही पोस्टमार्टम हुआ है। डॉक्टर ने कहा कि वह पोस्टमार्टम रूम में नहीं गई थी लेकिन खिड़की से देखकर पोस्टमार्टम कराया।