विशाखापट्टनम (एजेंसी)। एक ओर बड़ी और शानदार उपलब्धि को अपने नाम के साथ जोड़ते हुए केएल डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी के चांसलर, इंजीनियर कोनेरू सत्यनारायण को शिक्षा जगत में उनकी बेजोड़ सेवाएं, परोपकारी योगदान और कार्यनिष्ठा के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाज़ा गया। लोक नायक फाउंडेशन विशाखापत्तनम द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में उन्हें भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हाथों से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। यह एक बड़े गौरव की बात है।

पिछले चार दशकों से इंजीनियर कोनेरू सत्यनारायणा ने अपनी गहरी लगन और कड़ी मेहनत के चलते भारतीय शिक्षा के इकोसिस्टम में बेहतरी के लिए अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है और इतना ही नहीं उन्होंने तकनीकी एजुकेशन सेक्टर के उत्थान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सत्यनारायण समाज सेवा और ग्रामीण उत्थान के प्रबल समर्थक हैं और वो इस दिशा में पूरी निष्ठा से काम करने के लिए भी हमेशा तत्पर रहते हैं। एक महान फिलनथ्रोपिस्ट होने के नाते उन्होंने ग्रामीण विकास को हमेशा ही प्रोत्साहित किया है और अपने आउटरीच कार्यक्रमों की मदद से इन पिछड़े हुए गांव के आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों और महिलाओं का समर्थन भी लगातार ही जोरों शोरों से किया है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने 112 गांवों को गोद लेकर वहां के उत्थान की जिम्मेदारियों के भार को अपने कंधों पर लिया है और वो उन्हें स्मार्ट विलेज बनाने में जिस तरह और जितनी भी मुमकिन हो सके उतनी मदद हमेशा से करते आ रहे हैं।

कोनेरू सत्यनारायणा ने निर्धन बैकग्राउंड के छात्रों को स्कॉलरशिप्स और फीस में रियायत देकर शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित भी किया है। वह इस बात में विश्वास रखते हैं की शिक्षा सभी का बराबर अधिकार है और रिसोर्सेज की कमी किसी भी गरीब छात्र के प्रगतिशील करियर में बाधा नहीं बनना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने पिछड़ी और अनपढ़ महिलाओं के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए अपने विश्वविद्यालय में वूमेन वेलफेयर विंग के गठन समेत बहुत सी अलग-अलग नारी सशक्तिकरण परियोजनाओं का नेतृत्व भी किया है ।

इस मौके पर अपनी खुशी और विचार प्रकट करते हुए केएल डीम्ड टू-बी यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट और चांसलर कोनेरू सत्यनारायणा ने कहा कि इस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किए जाने पर मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी हो रही है। मैं काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। इतने बड़े और प्रतिष्ठित सम्मान से मुझे नवाजऩे के लिए मैं ज्यूरी मेंबर्स और इस आयोजन समिति का तहेदिल से आभार प्रकट करता हूं। अपनी सालों की सर्विस के दौरान शिक्षा क्षेत्र में कई बेहतरीन बदलावों को देखना मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है और मेरा मानना है कि केवल कड़ी मेहनत और दृढ़ता से ही नई ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है, ये दोनो चीज़ें ही सफलता का राज़ और प्रवेश द्वार है।
आपको बता दे की ये भव्य उत्सव हर साल 18 जनवरी को दिवंगत अभिनेता एनटी रामाराव और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के दिवंगत पिता हरिवंश राय बच्चन के सम्मान की निशानी के रूप में जोरों शोरों से मनाया जाता है। इन दोनों का निधन इसी तारीख को हुआ था । और इस वर्ष (2023) को एनटीआर की जन्म शताब्दी के रूप में इसे चिह्नित किया गया था ।