रायपुर। छत्तीसगढ़ के निकायो के बैठे अफसरों से सरकार के खजाने को बड़ी चपत लगाई है। निकायों में पदस्थ आयुक्त से लेकर कर्मचारियों तक ने सरकारी खजाने से 82 लाख 53 हजार 999 रुपए का गबन कर डाला। महालेखाकार की ऑडिट आपत्तियों के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने 16 निकायो को नोटिस जारी किया है। संचालक की ओर से जारी नोटिस में 67 अफसरों कर्मचारियों पर गबन का आरोप है।
जिन निकायो के नाम पर नोटिस जारी हुआ है उनमें जगदलपुर, अंबिकापुर, जशपुर, चारामा, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, बैकुंठपुर, जरही, मुंगेली, मल्हार, खरसिया, खैरागढ़, छुरिया, नारायणपुर, सुकमा व दंतेवाड़ा शामिल हैं। नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को नोटिस जारी कर कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया है। यही नहीं एक सप्ताह में रिपोर्ट भी भेजने कहा गया है।
इनके नाम पर है सबसे ज्यादा गबन
सबसे ज्यादा गबन करने वालों में श्याम रतन जायसवाल का नाम है। वे 2008-9 से 2010-11 तक जरही के मुख्य नगर पालिका अधिकारी थे। इन्होंने दो मदों में 23 लाख 24 हजार 249 और एक लाख 50 हजार 100 रुपए दबा लिए। इसके बाद जगदलपुर नगर निगम में 2014-15 के दौरान आयुक्त रहे रमेश जायसवाल, राजस्व अधिकारी विनय श्रीवास्तव, सहायक राजस्व निरीक्षक चंदन प्रजापति और कैशियर अनिल पिल्लै ने दो बार में 16 लाख 10 हजार 262 और एक लाख 22 हजार 742 रुपए का गबन किया। इसी प्रकार अंबिकापुर नगर निगम में 2010-11 के दौरान आयुक्त रहे राकेश जायसवाल, रमेश सिंह और लेखापाल अच्छेलाल साहू के नाम पर 1 लाख 44 हजार 47 रुपए की हेराफेरी सूची में दर्ज है।

यहां देखें नोटिस, देखें उन अफसरों के नाम







