कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक शिक्षक और उसके परिवार को दस साल तक के लिए ग्रामीणों ने बहिष्कृत कर दिया है। घटना विकासखंड करतला अंतर्गत ग्राम महोरा की है। जहां शिक्षक सहदेव कुमार सिंह पैकरा और उसके परिवार का ग्रामीणों ने 10 साल के लिए सामाजिक तौर पर बहिष्कार किया है। शिक्षक और उसके परिवार वालों से ग्रामीणों ने मिलने, बातचीत करने पर रोक लगा दी है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
राज्य मानव अधिकार आयोग में लगाई गुहार
शिक्षक ने सामाजिक बहिष्कार की सूचना राज्य मानव अधिकार आयोग रायपुर और पुलिस अधीक्षक कोरबा को दी है। बहिष्कार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। सहदेव ने बताया है कि गाड़ापाली स्कूल प्रधानपाठक के पद पर कार्यरत है। परिवार में पांच सदस्य हैं। विवाद की वजह जमीन बंटवारा बताया जा रहा है। विवाद की शुरूआत सहदेव के पुत्र शुभम पैकरा के विवाह से शुरू हुआ। सहदेव का आरोप है कि उसने परिवार के हर कार्यक्रम में सहयोग किया। जबकि शुभम के विवाह में परिवार की ओर से सहयोग नहीं किया गया। इसे लेकर परिवार में विवाद हुआ।
पारिवारिक कार्यक्रम में नहीं होने दिया शामिल
परिवार में महोरा से सहदेव को अलग कर दिया। उसे बर्तन तक नहीं दिए गए। विवाद बढ़ा तो मामला थाने पहुंचा। सहदेव का आरोप है कि उसके पुत्र के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसका विरोध करने पर गांव में बैठक कर उसे सामाजिक तौर पर बहिष्कृत कर दिया गया। भाई-बहु रजनी के देहांत कार्यक्रम में उसे शामिल होने से रोक दिया गया। पांच हजार रुपए का जुर्माना भी गांव में बैठक कर संयुक्त तौर पर लगाया गया।
एसपी से इनके खिलाफ की शिकायत
सहदेव ने इस घटना के लिए चंद्रशेखर पैकरा, विवेक, पार्वती, कैलाश, मनोज, पंचराम कुंवर, सुनील पैकरा, जगत राम सहित अन्य लोगों को दोषी बताया है। शिक्षक ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की है। इसमें सामाजिक बहिष्कार खत्म कराने की मांग की गई है।