देहरादून. लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कड़ा कानून बना दिया है। जिसके तहत दोषी पाए जाने वाले लोगों को दस साल तक जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी। उत्तराखंड विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक और सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक पारित हो गया।
लगाया जाएगा जुर्माना
उत्तराखंड विधानसभा ने जबरन या किसी लालच में कराए जाने वाले धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 पारित किया। सरकार 2018 में धर्मांतरण के खिलाफ विधेयक बना चुकी थी, लेकिन अब इसे संज्ञेय और सख्त बना दिया है। इसमें दस साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान किया है। राज्य में महिलाओं को नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण मिलेगा। आरक्षण का लाभ राज्य की मूल और स्थायी निवासी महिलाओं को मिलेगा।