कृष्णा फल एक पौष्टिक फल है, जिसे भारत समेत दक्षिण अमेरिका, कैरिबियन, दक्षिण फ्लोरिडा, दक्षिण अफ्रीका और एशिया में उगाया जाता है। इस फल को वैज्ञानिक भाषा में पैसिफ्लोरा एडुलिस सिम्स के नाम से जाना जाता है। इस खट्टे-मीठे फल की बाहरी परत बैंगनी रंग की होती है, जबकि इसका गूदा पीले रंग का होता है। आइए जानते हैं कि कृष्णा फल को डाइट में शामिल करने से क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं।
हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में है सहायक
अगर आप रोजाना एक कृष्णा फल का सेवन करते हैं तो यह खून में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। बता दें कि खराब कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर कई हृदय रोग का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, यह फल धमनियों के जमाव से भी बचाता है और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में सहायक हो सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देने में है मददगार
विटामिन- ए, विटामिन- सी, मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर यह फल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने में भी मदद कर सकता है। इसमें कैल्शियम, फाइबर, आयरन, कॉपर और फ्लेवोनोइड्स की अधिक मात्रा मौजूद होती है, जो इसे संक्रमण से लडऩे वाले ऊतकों और कोशिकाओं के उचित विकास के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। इस वजह से कृष्णा फल को डाइट में शामिल करना अच्छा है।
एंग्जायटी का खतरा हो सकता है दूर
अगर कभी आप एंग्जायटी महसूस करते हैं तो कृष्णा फल का सेवन आपको इससे राहत दिलाने में मदद कर सकता है। मैग्नीशियम से भरपूर यह फल एंग्जायटी और तनाव जैसे मानसिक विकारों के जोखिम कम करने में काफी सहायक हो सकता है। यह रसदार फल गामा-एमिनोब्यूट्रिक एसिड नामक रसायन के स्तर को बढ़ाता है। यह रसायन मस्तिष्क की गतिविधि को कम करता है और एंग्जायटी समेत तनाव के लक्षणों को धीरे-धीरे कम करता है।
ब्लड शुगर के स्तर को कर सकता है नियंत्रित
कृष्णा फल ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम और हाई फाइबर से भरपूर होता है, जो इसे मधुमेह वाले लोगों के लिए आदर्श बनाता है। इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह पेक्टिन नामक खास तत्व से भरपूर होता है, जो फाइबर की तरह कार्य करके आपकी कैलोरी खपत को बढ़ाए बिना आपके पेट को भरा हुआ महसूस करवाता है।
कैंसर का खतरा कर सकता है कम
कृष्णा फल में एंटी-ऑक्सिडेंट्स की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है, जो शरीर के मुक्त कणों से लडऩे में मदद कर सकती है। ये मुक्त कण शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, यह फल विटामिन- ए और फ्लेवोनॉयड्स से भी भरपूर होता है, जो कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।