रायपुर. छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक के समर्थन में राज्यपाल अनुसुईया उइके आ गई हैं। राज्यपाल उइके ने कहा, इसमें कोई राजनीति नहीं है। सारे राजनीतिक दल एकमत हैं, जाति आधार पर सबको उनका अधिकार मिलना चाहिए, चाहे वह पिछड़ा वर्ग हो, एससी वर्ग या फिर एसटी वग्र। प्रदेश के जो आंकड़े हैं जनसंख्या के आधार पर उसके आधार पर अगर निर्धारण होता है तो उसका समाधान होगा। मैं यही चाहती हूं कि सबको अपना हक मिले। इधर आरक्षण विधेयक पारित करने के लिए बुलाए गए छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर भाजपा कई सवाल उठा रही है।
सरकार को रहेगा पूरा सहयोग
महालेखाकार के एक कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल ने कहा, मैंने पहले भी मुख्यमंत्री को इस बारे में चि_ी लिखी थी। उसमें बताया था कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। प्रदेश में सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की ओर से इसकी मांग उठाई जा रही है कि जो आरक्षण 58% से कम किया गया है उसको यथावत रखा जाए। मैंने भी कहा कि जो भी हाईकोर्ट में हुआ है उसके लिए कोई न कोई कदम सरकार को उठाना चाहिए। या तो अध्यादेश लेकर आए अथवा विधानसभा में सत्र बुलाकर या जो भी उनके द्वारा उचित है वह जल्दी से जल्दी समाधान होना चाहिए।
लिखा था सीएम को पत्र
राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा कि, मैं समझती हूं कि कोई न कोई ठोस निर्णय एक और दो तारीख को हो जाएगा। आरक्षण विधेयक की मंजूरी से जुड़े एक सवाल पर राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में ही कहा था कि इसमें मेरा पूरा सहयोग रहेगा। जब मैं ही मांग कर रही हूं कि विशेष सत्र बुलाएं और उसमें सारी चीजें आती है जो सबके हित के लिए है तो मैं क्यों मना करुंगी। मैं तो हमेशा छत्तीसगढ़ के कल्याण के लिए सोचती हूं।
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