श्रीकंचनपथ, डेस्क। भारत ने Agni-3 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। गुरुवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम व्हीलर आईलैंड पर Agni-3 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल को सेना में शामिल किए हुए 11 साल हो चुके हैं। यह एक इंटरमीडिएट-रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है जो परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। खासबात यह है कि चीन की राजधानी तक यह 13 मिनट में और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक ढाई मिनट तक पहुंच कर तबाही मचा सकती है।
अग्नि-3 की मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत उसकी शानदार गति है। मिसाइल की रेंज 3 से 5 हजार किलोमीटर बताई जा रही है। 3 से 5 हजार किलोमीटर की रेंज यानी चीन का बहुत बड़ा हिस्सा, पूरा पाकिस्तान, पूरा अफगानिस्तान, हॉर्न ऑफ अफ्रीका, अरब देश, इंडोनेशिया, म्यांमार जैसे कई देश इसकी रेंज में हैं। यानी भारत अपनी चारों दिशाओं में अपनी सुरक्षा के लिए इस मिसाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
17 मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है। अग्नि-3 मिसाइल बनाने में 25 से 35 करोड़ रुपए की लागत आती है। अग्नि-3 मिसाइल अपने टारगेट से अगर 40 मीटर यानी 130 फीट दूर भी गिरती है, तो तबाही 100 फीसदी पक्की है. इसे सर्कुलर एरर प्रोबेबल (CEP) कहते हैं। यह मिसाइल आसमान में अधिकतम 450 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है। यानी दुश्मन के सैटेलाइट्स को मारने की क्षमता भी इसमें है।

उड़ान के बीच रास्ता बदलने की क्षमता
Agni-3 मिसाइल में रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम लगा है। यानी यह मिसाइल उड़ते समय बीच में रास्ता बदल सकती है. उड़ते समय ही यह इंफ्रारेड होमिंग, राडार सीन कोरिलेशन और एक्टवि राडार होमिंग की मदद से दुश्मन पर हमला करती है। यानी दुश्मन कितना भी भागने की कोशिश करे लेकिन उसकी मौत पक्की है। अग्नि मिसाइल की एक और खासबात यह है कि इस पर 2490 किलोग्राम वजनी हथियार तैनात किया जा सकता है। इससे पहले साल 2013, 2015, 2017 में भी इसके सफल परीक्षण हो चुके हैं।