भिलाई। पांच दिनों के प्रशिक्षण के बाद स्कूली बच्चों के बनाए एयरो प्लेन ने हवा में उड़ान भर दी। टेकऑफ के साथ ही बच्चों के चेहरों पर कुछ नया सीखने की खुशी झलक रही थी। अपने हाथों से बनाए एयरो प्लेन के विंग्स और फिर उनमें मोटर्स फिट करने से लेकर रिमोर्ट कंट्रोल ट्रांसमीटर भी खुद ही तैयार किया। स्टूडेंट्स को एयरो मॉडलिंग वर्कशॉप के जरिए ये प्रशिक्षण रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज ने दिया। प्रशिक्षण में डीपीएस रिसाली, एमजीएम सेक्टर-6 और बीएसपी सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर-10 के बच्चे शामिल हुए। वर्कशॉप में उन्हें एयरो प्लेन के उड़ाने के बेसिक सिद्धांत समझाए गए।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इन स्कूलों की अटल टिंकरिंग लैब के लिए रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज की इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसलिंग (आईआईसी) को मेंटर बनाया है। इसी के तहत बच्चों को एयरो मॉडलिंग प्रशिक्षण दिया गया। बच्चों को एयरो मॉडलिंग सिखाने के लिए एक्सपर्ट ट्रेनर डॉ. अरुणा राणा मौजूद रहीं। सोमवार को वर्कशॉप के समापन में रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब के जरिए बच्चों को इनोवेशन की तरफ लाया जा रहा है। बच्चे जो थ्योरी पढ़ रहे हैं, उसे लैब में प्रायोगिक करके देखने से उनके मन में विज्ञान के प्रति रूचि पढ़ती है। कार्यक्रम में रूंगटा ग्रुप के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा के साथ डीपीएस भिलाई के प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ, एमजीएम के प्राचार्य डॉ. बायजु डी ठरकन और सीनियर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्य सुमिता सरकार शामिल रहीं।
इस वर्कशॉप के समन्वयक डॉ. मनोज वर्गीस ने बताया कि बच्चों के लिए वर्कशॉप पूरी तरह से नि:शुल्क रही। एयरो प्लेन बनाने में लगने वाला खर्च रूंगटा समूह ने उठाया। तीन स्कूलों के बच्चों ने 6 प्लेन तैयार किए जिसे उनकी टिंकरिंग लैब को गिफ्ट कर दिया गया। इस वर्कशॉप में 45 बच्चों ने भाग लिया। अब यही बच्चे अपने अन्य सार्थियों को एयरो मॉडलिंग का प्रशिक्षण देंगे।