मुंबई. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना नेता और राज्यसभा संजय राउत को मुंबई की पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई है। ईडी ने उन्हें 31 जुलाई को 9 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। संजय राउत पूरे 102 दिन जेल में बंद रहे। बुधवार को जमानत मिलने के बाद ईडी ने कोर्ट से फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। ऐसे में संजय राउत की रिहाई को लेकर फिलहाल सस्पेंस बरकरार है। ED ने जमानत पर स्टे की अर्जी दी है, जिस पर आज ही फैसला आएगा। जिसके बाद पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।
यह है पात्रा चॉल घोटाला
ईडी ने गिरफ्तार करने से पहले सांसद से 28 जून को भी पूछताछ की थी। संजय राउत पर 1,039 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाले का आरोप है। पात्रा चॉल घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई। पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव इलाके में मौजूद है और ये जगह करीब 47 एकड़ में फैली थी। शुरुआत में गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इसे रीडिवेलप करने का कॉन्ट्रैक्ट लिया और बाद में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड समेत कई कंपनियों के पास इसे बेच दिया गया। यहां 600 से ज्यादा लोगों को घर बना कर देने थे, लेकिन 15 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए। इस मामले में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है।