आमतौर पर 15 से 18 डिलीवरी रोज होती है
दुर्ग। राज्योत्सव की शुभ घड़ी में जिला अस्पताल में एक साथ बहुत से बच्चों की किलकारियां गूंजी है। एक दिन में 39 डिलीवरी हुई । इनमें 17 मेल चाइल्ड और 22 फीमेल चाइल्ड है अमूमन जिला अस्पताल में हर दिन 15 से 18 डिलीवरी होती है लेकिन संयोगवश कल सुबह 8:00 बजे से आज सुबह 8:00 बजे तक इन बच्चों की किलकारियां गूंजी। इनमें से 22 डिलीवरी सीजेरियन पद्धति से हुई है।
अस्पताल में स्त्री रोग विभाग की एचओडी डॉ ममता पांडे ने बताया कि जिला अस्पताल में हर दिन 15 से 18 डिलीवरी होती है लेकिन संयोगवश आज कुछ ज्यादा डिलीवरी हुई। इसके लिए डॉ उज्ज्वला देवांगन, डॉ बीआर साहू, डॉ स्मिता की टीम ने जिसके लिए कड़ी मेहनत की। इसके साथ ही डॉक्टर संजय वालवेन्द्रे, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ बसंत चौरसिया, डॉ पूजा पटेल की टीम का भी खास योगदान रहा। साथ ही डॉ राखी, डॉ रिम्पल के साथ मेडिकल स्टाफ कीर्ति, ललित ने भी सहयोग किया।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ वाय के शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल में आम दिनों में 15 के आसपास डिलीवरी होती है इनमें आधी डिलीवरी आमतौर पर सीजेरियन होती है। संख्या अधिक होने की स्थिति में भी हमारे पास पर्याप्त मेन पावर और आवश्यक उपकरण मौजूद है। कभी-कभी छुट्टियों की वजह से काफी रश जिला अस्पताल में हो जाता है लेकिन अस्पताल की टीम पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपना काम करती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जेपी मेश्राम ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव को लेकर बहुत अच्छा काम हो रहा है इसके लिए कड़ी मेहनत मेडिकल स्टाफ द्वारा की जा रही है।