बड़े जोरशोर के साथ पानठेलों में भी बिक रही है नशीले पदार्थ, पुलिस सब कुछ जानने के बावजूद नहीं कर रही है गिरफ्तार
नशीले पदार्थ के कारोबारी इतने सक्रिय कि वे घर पहुंच सेवा बिना किसी खौफ के दे रहें है
रायपुर। नशीले पदार्थो की बिक्री और इसके सेवन से अब तक अकेले रायपुर शहर दर्जनों युवक मौत के मुंह में समां चुके है। प्रत्येक मौतों के बाद जहां पालक आंदोलित होकर अधिकारियों से शिकवा शिकायत कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मंाग करते है वहीं मामले की गरमाहट को देखते हुए अधिकारी झूठा आश्वासन देकर पूरे मामले को रफा दफा कर देते है। शासन-प्रशासन की एैसी लापरवाही और आरोपियों से सांठगांठ के बदौलत जहां नशीले पदार्थों की बिक्री और तस्करी का गैर कानूनी कार्य बिना किसी खौफ के संचालित हो रहा है। वहीं बेगुनाहों की मौतों से पुलिस व जिला प्रशासन की कुंभकर्णी नींदे अब तक नहीं टूट पाई है। परिणामस्वरूप रायपुर शहर के कई एैसे इलाके है जहां आरोपियों के द्वारा घर पहुंच सेवा प्रदान कर नशीले पदार्थों को अपने ग्राहकों तक बिना किसी खौफ के पहुुंचाया जा रहा है। इस कारोबार के शिकार हो चुके कुछ पीडि़त परिवारों ने बताया कि जब-जब उनके अपने बच्चों की नशीले पदार्थो के कारण मौत हुई है तब-तब सामुहिक रूप से लिखित आवेदन देकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है परन्तु पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच करने के बजाए आरोपियों को संरक्षण देकर अपनी मोटी कमाई को बंद करने की जुर्रत नहीं दिखा पा रही है जबकि कारोबार से जुड़े सभी सरगना एक विशेष समुदाय से संबंध रखते है और अब तक मौत के मुंह में समाने वाले युवक भी विशेष समुदाय से संबंधित है। पारिवारिक सदस्यों ने यह भी बताया कि इस कारोबार से जुड़े मुख्य सरगना हरकिरत सिंह निवासी कबीरनगर के बारे में कई बार लिखित जानकारी दे चुके है परन्तु हरकिरत सिंह को गिरफ्तार करने के बजाए कबीरनगर पुलिस, आमानाका पुलिस, सरस्वतीनगर पुलिस एक मोटी रकम के आवक को देखते हुए हरकिरत को खुलकर संरक्षण प्रदान कर रही है। एक उदाहरण देते हुए पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि अक्टूबर 2019 को कबीरनगर थाना प्रभारी और नगर पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर के नेतृत्व में हरभजन ङ्क्षसह, गुरजन सिंह और अर्जुन सिंह को गिरफ्तार किया। इन तीनों आरोपी के पास से एक करोड़ दस लाख रूपए की स्मैक बरामद की गई। इस बीच हरकिरत सिंह को भी कबीरनगर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया था परन्तु कुछ ही घंटों पश्चात हरकिरत सिंह को छोड़ दिया गया? इस घटनाक्रम को देखने वाले कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपी हरकिरत सिंह के रिश्तेदार है और इन्ही के माध्यम से पंजाब के अन्य शहरों से नशीले पदार्थ लाकर हरकिरत और उसके लोगों के माध्यम से रायपुर सहित दुर्ग भिलाई में खुलेआम बेचा जा रहा है परन्तु हरकिरत सिंह जैसे तस्कर को गिरफ्तार करने के बजाए छोड़ दिया जाना आश्चर्य लगता है वहीं हरभजन और उसके साथियों की गिरफ्तारी के पश्चात राणा जैसे मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान राणा से भी पुलिस के द्वारा करोड़ों रूपए के स्मैक बरामद किए गए यहां भी हरकिरत सिंह को गिरफ्तार करने से बचा लिया गया। शिकायतकर्ताओं के अनुसार हरकिरत सिंह अब अपने चारों साथियों की गिरफ्तारी के पश्चात मोहबा बाजार, कोटा, गुढिय़ारी, रविशंकर विश्वविद्यालय परिसर सहित आमानाका थाना क्षेत्र, सरस्वतीनगर थाना क्षेत्र, खमतरई थाना क्षेत्र, टाटीबंध जैसे रईस इलाकों में हरकिरत सिंह का कारोबार बखूबी पूर्वक संचालित हो रहा है।
डीजीपी डीएम अवस्थी को लिखे गए अपने पत्र में राम अवध त्रिपाठी सहित टाटीबंध के निवासियों द्वारा बताया गया कि रायपुर सहित दुर्ग भिलाई में नशीले पदार्थो का कारोबार हरकिरत सिंह के द्वारा पिछले कई वर्षो से किया जा रहा है। परन्तु पुलिस अधीक्षक (खान) रायपुर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर को लिखित जानकारी मिलकर देने के बावजूद अब तक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। 2 अक्टूबर 2019 को कबीर नगर थाना क्षेत्र में हरभजन सिंह, अर्जुन सिंह, गुरजन सिंह और तत्पश्चात राणा को गिरफ्तार किया गया। परन्तु कबीरनगर थाना प्रभारी शिवशंकर तिवारी और प्रफुल्ल ठाकुर के द्वारा एक बड़ी लेन-देन कर हरकिरत सिंह को छोड़ दिया गया। इस कार्यवाही के बाद भी कई चरस, गांजा और ब्राउन शुगर के तस्कर गिरफ्तार हुए परन्तु हरकिरत सिंह को हर बार थाना प्रभारी शिवशंकर तिवारी और प्रफुल्ल ठाकुर द्वारा बचा लिया जाता है इस वजह से अब हरकिरत सिंह अपने अन्य साथियों के माध्यम से कबीर नगर, टाटीबंध, सरोना, महोबाबाजार, रविशंकर विश्वविद्यालय, कोटा, गुढय़ारी सहित रायपुर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ साथ दुर्ग भिलाई और भिलाई तीन जैसे शहरों में अपने नशीले पदार्थो के कारोबार को खुलेआम संचालित कर रहा है। इस कारोबार में वह अब तक अलग-अलग मोबाइल नंबरों का सहारा लेकर अपने कारोबार को संचालित करते हुए ग्राहकों को घर पहुंच सेवा प्रदान कर रहा है। मो. नं. क्रमश: 8962387687 (14.11.2019- शाम 7.50), 7999668672 (महल सिंह), 9993089995, 7489635075 (बल्ला-16.11.2019, 17.11.2019), इन नंबरों के माध्यम से हरकिरत सिंह लोगों को अपने नशीले कारोबार का सेवा प्रदान कर रहा है। जबकि इनके अन्य सहयोगी कारोबारियों में महोबाबाजार के कबीर पान ठेला संचालक कुलेश्वर साहू (मुख्य मार्ग चौक), हिमांशु पानठेला (स्पर्श हास्पिटल के बाजू) के संचालक द्वारा हरकिरत सिंह के कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दोनों पानठेला संचालकों की गिरफ्तारी गांजा और ब्राउन शुगर के मामलों में कुछ माह पूर्व हो चुकी है। इन सभी कारोबार और संचालकों की जानकारी कबीरनगर थाना प्रभारी और प्रफुल्ल ठाकुर को मेरे साथ-साथ मोहल्लेवासियों के द्वारा प्रत्यक्ष मिलकर दी जा चुकी है। परन्तु हरकिरत, कुलेश्वर साहू और हिमांशु पानठेला के संचालक गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है। जबकि हरकिरत सिंह के साथ रंजित कौर (मां), सिमरन कौर (पत्नी) भी शामिल है। पूर्व में गिरफ्तार किए गए हरभजन सिंह, अर्जुन सिंह, गुरजन सिंह, राणा सरदार ये सब हरकिरत के रिश्तेदार है। जिनके माध्यम से सभी नशीले पदार्थ मंगवाए जाते थे।
नशीले पदार्थो से पीडि़त परिवारों की यह पीड़ा काफी दर्दनाक है क्योंकि उन्होने अपने अपनों को खोया है। इसलिए जिला अधिकारियों की सीधे तौर पर तस्करों से संाठगांठ उनके दुखों में नमक मिर्च भरने का कार्य कर रही है। हरकिरत सिंह जैसे मुख्य सरगना का खुलेआम घुम-घुमकर अपने जानलेवा कारोबार को संचालित करना जहां एक तरफ पीडि़त परिवारों सहित रायपुर रहवासियों के लिए सरदर्द है वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए एक खुला चैलेंज है कि हरकिरत सिंह जैसे सरगना को अब तक क्यों और कब तक खुला छोड़ा जाता रहेगा?