कवर्धा (एजेंसी)। कवर्धा (कबीरधाम) जिला में सरकारी राशन के लिए ग्रामीणों ने पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बना लिया। चार गांव के ग्रामीणों को राशन दुकान के लिए 12 का चक्कर लगाना पड़ता था, लेकिन अब यह दूरी घटकर सिर्फ दो किमी रह गई है। खास बात यह है कि ग्रामीणों ने श्रमदान के जरिए 30 फीट ऊंचे पहाड़ को काटकर इस कच्चे रास्ते का निर्माण किया है। इसके बाद यहां चार गांवों की मुश्किलें हल हो गई हैं।
दरअसल, ग्राम बाहपानी में सरकारी उचित मूल्य की दुकान (पीडीएस) संचालित है। यह गांव डोंगर पहाड़ के दूसरी ओर है। इसके निचले इलाके में कान्हाखैरा, ढेपरापानी, महारानी टोला और ठेंगाटोला गांव बसे हुए हैं। यहां के लोगों को राशन के लिए 12 किमी का चक्कर लगाना पड़ता था। ग्रामीण पैदल ही यह दूरी तय करते और सिर पर राशन रखकर लाते थे। इसके चलते उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
चलकर जाना पड़ता है, सिर पर ढोकर लाते हैं राशन
ठेंगाटोला के पूर्व उपसरपंच धरम सिंह बैगा ने बताया कि गांव के लोग राशन के लिए बाहपानी जाते हैं। बाहपानी की दूरी करीब 12 किमी है। आवागमन के साधन नहीं होने से पैदल ही जाना पड़ता है। फिर राशन को सिर पर ढोकर पैदल ही गांव लौटते हैं। इसी परेशानी को देखते हुए राशन के लिए बाहपानी आने-आने पहाड़ पर रास्ता बनाए हैं।

70 ग्रामीणों ने आठ दिन में बनाया रास्ता
इस समस्या का हल निकालने के लिए चारों गांव के लोगों ने आपस में बैठक की। फिर कान्हाखैरा गांव से लगे डोंगरी पहाड़ पर रास्ता बनाना तय किया गया। इसमें चार गांव के 70 ग्रामीणों ने श्रमदान किया और आठ दिन की मेहनत के बाद पहाड़ तोड़कर दो किमी कच्चा रास्ता बना दिया। अब पहाड़ पर बने इस कच्चे रास्ते से दूरी कम होने के कारण उन्हें राशन के लिए बाहपानी आना-जाना आसान हो गया है।
कांदावानी में दुकान स्वीकृत पर संचालन बाहपानी में
ग्राम कान्हाखैरा के ग्रामीण रतिराम, रामसिंह बैगा बताते हैं कि ग्राम पंचायत कांदावानी के लिए जो पीडीएस दुकान स्वीकृत हुई है, उसका संचालन बाहपानी में किया जा रहा है। कांदावानी में गोदाम भी है। अगर दुकान संचालक कांदावानी में राशन लाकर वितरण करते हैं, तो कान्हाखैरा, ढेपरापानी, महारानी टोला और ठेंगाटोला के 150 से ज्यादा परिवारों को सहूलियत मिलेगी। इसके बाद ग्रामीणों को इतनी दूर भी राशन के लिए पैदल नहीं चलना पड़ेगा।




