जगदलपुर। इच्छा शक्ति हो तो कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। ऐसे कई काम है जिस पुरुषों का ठप्पा लगा हुआ है लेकिन बस्तर की बेटी ने इस मिथ्या को तोड़ दिया है। बस्तर जिले की सुदूरवर्ती गांव रेतावंद की रहने वाली हेमवती नाग प्रतिदिन पंक्चर ठीक कर मोटरसाइकिलों की मरम्मत करती है। हेमवती को बस्तर की पहली महिला ‘मोटर मैकेनिक’ कहा जाता है। हेमवती की मेहनत व लगन पर को देखकर छत्तीसगढ़ सरकार ने भी उनकी सराहना की है।
तीन बच्चों की मां हेमवती अपने पति के साथ रहती है। उसकी दिनचर्या में सुकह जल्दी उठना, अपने बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजना और घर के काम करना शामिल है। जरूरत पड़ने पर वह खेती का काम भी करती हैं। बात यहीं पर खत्म नहीं होती हेमवती अपने पति की बाइक मेंटेनेंस की दुकान में भी काम करती है। वह एक कुशल बाइक रिपेयर बन चुकी है और पूरे बस्तर क्षेत्र में इनके काम की सराहना होती है।
8वीं तक पड़ी है हेमवती
हेमवती ने अपनी आठवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की थी जब उसकी शादी तुलेश्वर नाग से हुई थी। पेशे से मैकेनिक तुलेश्वर ने एक छोटी मोटर रिपेयरिंग वर्कशॉप खोली। तुलेश्वर को जब भी दुकान का सामान लेने शहर जाना पड़ता था तो उन्हें दुकान बंद करनी पड़ती थी। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। यह देखकर हेमवती ने अपने पति की मदद करने का फैसला किया। उसने एक पेचकश उठाया और अपने पति से दोपहिया मरम्मत का काम सीखने की इच्छा व्यक्त की और आज वह कुशल मेकेनिक है।
अपने काम को लेकर हेमवती का कहना है कि कोई भी काम पुरुषों व महिलाओं में नहीं बटा है। कोई भी कोई काम कर सकता है। अपनी पसंद का पेशा लेने के लिए कुछ सोचना नहीं है बस इच्छा शक्ति होनी चाहिए। हेमवती का कहना है कि मैने वह काम चुना है जो पुरुषों का माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है अब बस्तर की महिलाओं के सामने एक उद्हारण बन गया है। हेमवती बाइक रिपेयरिंग के साथ अपने बच्चों की पढ़ाई पर भी खास ध्यान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी पूजा नाग का दाखिला स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल में कराया है। हेमवती और उसका पति एक साथ अपनी दुकान में काम करते हैं। हेमवती ने कहा कि पति की अनुपस्थिति में वह अकेले ही दुकान का काम संभालती है और उन्हें भी दुकान पर किसी और को काम पर रखने के झंझट से मुक्ति मिल गई है।