श्रीकंचनपथ डेस्क। टेरर लिंक के सुबूत मिलने के बाद केन्द्र सरकार ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की है। केन्द्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI को 5 साल के लिए बैन कर दिया। पीएफआई के साथ ही इसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी बैन कर दिया गया है। इसे लेकर केन्द्रीय गृहमंत्रालय की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके साथ PFI को प्रतिबंध को लेकर लगाई जा रही अटकलें भी खत्म हो गई है।
बता दें NIA, ED ने इसी माह 22 और 27 सितंबर को PFI और उससे जुड़े संगठनों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। 22 सितंबर को PFI से जुड़े 106 लोगों को देशभर के अलग अलग ठिकानों से गिरफ्तार किया गया था। वहीं 27 सितंबर को दूसरे राउंड की छापेमारी में 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद केरल में पीएफआई ने भारी बवाल किया था। जांच एजेंसियों के लिए इन संबंठन के खिलाफ पर्याप्त सुबूत मिले थे इसके बाद ही यह कार्रवाई की गई।
इन संगठनों पर भी लगा प्रतिबंध
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी (PFI) के साथ केन्द्र सरकार ने इसके सहयोगी 8 संगठनों पर भी बैन लगाया है। इनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल विमेन्स फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन शामिल हैं। बता दें साल 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। पहले यह दक्षिण भारत के राज्यों केरल व तममिनाडु में ही सक्रिय था। अब यह संगठन देश के 23 राज्यों तक पहुंच गया है।
सरकार ने बताया क्यों किया बैन
केन्द सरकार द्वारा PFI को बैन करने की कई वजह गिनाई है। सरकार का कहना है कि PFI और इससे जुड़े संगठन की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। इनकी गतिविधियां ऐसी हैं जिससे धार्मिक सद्भाव बिगड़ सकता है। PFI और इससे जुड़े संगठन आतंकवाद को सपोर्ट कर रहे हैं। केन्द्रीय जांच एजेंसियों ने बताया था कि इन PFI के आजीवन सदस्य आतंकी संगठन SIMI के भी सदस्य रहे हैं और यही नहीं इनके संबंध बांग्लादेश के संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन से रहे हैं।
इसके अलावा PFI ने अपने सहयोगी संगठन बनाए जिसका उद्देश्य देश के अपनी मेंबरशिप, प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता बढ़ाना था। इसके जरिए यह संगठन छात्रों से लेकर युवा वर्ग व महिलाओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाना चाहता है। यही नहीं जांच एजेंसियों को PFI के संबंध ISIS से होने के सुबूत भी मिले हैं। यह संगठन देश में कट्टरता व आंतिरक सुरक्षा के लिए भी खतरा बढ़ा रहे हैं। यही संगठन के टेरर फंडिंग के सुबूत भी जांच एजेंसियों को मिला है।