शारीरिक मुद्रा को बेहतर बनाए रखने के साथ, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने, थकान कम करने, हृदय गति और तनाव के स्तर को नियंत्रित रखने आदि में नियमित रूप से योगासनों के अभ्यास की आदत आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकती है। योग के अभ्यास की आदत आपको दिनभर ऊर्जावान बनाए रखने और बेहतर तरीके से काम कर पाने में सहायक मानी जाती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी उम्र वाले लोगों को दिनचर्या में योगासनों को जरूर शामिल करने की सलाह देते हैं।
अध्ययनों में भी पाया गया है कि योग, न सिर्फ आपकी सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं साथ ही जीवन की गुणवत्ता को भी ठीक रखने में सहायक माने जाते हैं।
काम के कारण होने वाली थकान की स्थिति के कारण अक्सर लोगों को स्टेमिना की कमी महसूस होती रहती है। शारीरिक सहनशक्ति में सुधार करने के साथ काम में एकाग्रता बढ़ाने के साथ कार्डियोवैस्कुलर और श्वसन तंत्र की बीमारियों के जोखिम को कम रखने में भी योग के अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि किन योगासनों को दिनचर्या में शामिल करना स्टेमिना बढ़ाने में मददगार हो सकता है?
नौकासन योग से मिलता है लाभ
शरीरिक सहनशक्ति को बढ़ाने में नौकासन योग के नियमित अभ्यास की आदत को स्वास्थ्य विशेषज्ञ काफी लाभकारी मानते हैं। नौकासन या बोट पोज़, न केवल तनाव को दूर करता है, बल्कि आपकी कार्यक्षमता में सुधार करने में भी सहायक हो सकता है। कोर और हिप फ्लेक्सर्स को मजबूती देने के साथ जोड़ों और पैरों में लचीलेपन को बढ़ावा देने, पेट के अंगों को स्वस्थ रखने और शरीर की स्थिरता में सुधार करते हुए पाचन को ठीक रखने में भी नौकासन योग के नियमित अभ्यास से लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
बालासन योग की बनाएं आदत
बालासन योग जिसे चाइल्ड पोज अभ्यास के रूप में जाना जाता है, यह छाती, पीठ और कंधों से अतिरिक्त तनाव को दूर करके शारीरिक शक्ति को बढ़ावा देने में आपके लिए मददगार हो सकता है। पीठ दर्द को दूर करने और कूल्हों, जांघों और टखनों की स्ट्रेचिंग करने में भी बालासन योग के नियमित अभ्यास की आदत आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकती है। मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं जैसे तनाव-चिंता को कम करने में भी इससे लाभ पाया जा सकता है।
उष्ट्रासन से दूर होती हैं कई गंभीर समस्याएं
उष्ट्रासन योग जिसे कैमल पोज के रूप में भी जाना जाता है, इस योग के अभ्यास से कंधों और पीठ की स्ट्रेचिंग और छाती को खोलने में मदद मिलती है। उष्ट्रासन योग श्वसन में सुधार करता है। पेट के अंगों को स्वस्थ रखने, पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत दिलाने और जांघों से अतिरिक्त फैट को कम करने में भी उष्ट्रासन योग के अभ्यास से लाभ प्राप्त किया जा सकता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक नियमित रूप से इस योगासन के अभ्यास की आदत संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ में आपके लिए सहायक हो सकती है।