भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के कोल केमिकल प्लांट-3 में नेषनल डिज़ास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ), सीआईएसएफ एवं बीएसपी द्वारा संयुक्त रूप से आज आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करने हेतु दुर्घटना के दौरान बचाव कार्य से लेकर दुर्घटना पर काबू पाने जैसे कार्यों को मॉक ड्रिल के माध्यम से बखूबी अंजाम देते हुए योजनाबद्ध अभ्यास को पूर्ण किया गया।
विदित हो कि प्रत्येक विभाग में आकस्मिक आपदा से निपटने हेतु प्रोटोकॉल बनाये गए हैं। इस प्रोटोकॉल के जांच हेतु समय-समय पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है और साथ ही इस मॉक ड्रिल की गोपनीयता बनाये रखी जाती है जिससे कि घटना की गंभीरता को प्रोटोकॉल के अनुरूप की जाने वाली कार्यवाही को सही रूप में परखा जा सके।
इस डिज़ास्टर मैनेजमेंट के अभ्यास के दौरान कोल केमिकल प्लांट-3 में कोक ओवन गैस के लीकेज होते ही आपात स्थिति निर्मित हुई और इंसीडेंट कंट्रोलर के रूप में महाप्रबंधक आनंद शुक्ला ने इंसीडेंट कंट्रोलर के रूप में सीजीएम (कोकओवन) एवं मुख्य इंसीडेंट कंट्रोलर श्री राजीव श्रीवास्तव को घटना की जानकारी देने के साथ ही तत्काल संबंधित एजेंसियों को सूचना दी और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गये।
आपात स्थिति तथा लोगों के घायल होने की जानकारी मिलते ही खतरे की घंटी बजी और एनडीआरएफ के साथ शामिल बीएसपी की विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो गई। इस अभ्यास के दौरान बीएसपी के फायर ब्रिगेड, सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, ऊर्जा प्रबंधन विभाग, सीआईएसएफ, आक्यूपेषनल हेल्थ सर्विसेस विभाग, सिविल डिफेन्स तथा कोल केमिकल प्लांट-3 के कार्मिकों व अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।
कोक ओवन गैस के लीकेज पर नियंत्रण पाने हेतु फायर ब्रिगेड के वाहनों द्वारा लगातार स्प्रे करते हुए स्थिति पर काबू पाया गया। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ टीम व फायर ब्रिगेड टीम ने मिलकर अंदर फंसे घायलों को बाहर निकाला और समुचित प्रथमोपचार प्रदान कर उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से तत्काल अस्पताल भेजा गया। इस दौरान विभिन्न कार्यवाही को प्रोटोकाल के अनुरूप अंजाम दिया गया। इसके अतिरिक्त सूचना के आदान-प्रदान व समन्वय के विभिन्न पहलुओं को भी जांचा-परखा गया। इस आपदा अभ्यास में उन सभी गतिविधियों की क्लोज मॉनीटरिंग की गई और इस दौरान विभिन्न खामियों को भी नोट किया गया। इस सम्पूर्ण अभ्यास का उद्देष्य आपदा के समय होने वाले आपाधापी व अफरा-तफरी से कैसे बचा जाये। आपदा प्रबंधन को किस प्रकार योजनाबद्ध ढंग से सम्पन्न किया जाये। साथ ही इस दौरान प्राप्त खामियों को दूर कर आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने के समुचित प्रयास को भी अंजाम दिया जा सकेगा।
संपूर्ण अभ्यास के दौरान डिजा़स्टर मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं जैसे विभिन्न एजेंसियों का रिस्पांस टाइम, संबंधित विभागों का आपसी समन्वय, लोगों तथा वाहनों की आवाजाही का गहन अध्ययन किया गया। इस अभ्यास से यह सीखने को मिला कि ऐसी आपात स्थिति में हम कैसे धैर्यपूर्वक और योजनाबद्ध ढंग से हैंडल कर सकेंगे।
इस आपदा प्रबंधन अभ्यास के दौरान जिले की पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव, एनडीआरएफ के भिलाई इकाई के प्रमुख विष्वनाथ चैधरी, उप निदेषक (औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा) आषुतोष पाण्डेय, सीआईएसएफ के कमांडेंट एस के बाजपेयी तथा संयंत्र के कार्यपालक निदेषक (सामग्री प्रबंधन) ए के भट्टा, कार्यपालक निदेषक (वक्र्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेषक (कार्मिक एवं प्रषासन), एम एम गद्रे, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं), एस मुखोपाध्याय तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ एम रविन्द्रनाथ, सीजीएम इंचार्ज (सर्विसेस) पी के सरकार, सीजीएम (एचआरडी) संजय धर, सीजीएम (कोकओवन) राजीव श्रीवास्तव कार्यकारी मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा व अग्निषमन सेवाएं) श्री जी पी सिंह तथा चीफ फायर ऑफिसर बी के महापात्र, मॉक ड्रिल के नोडल अधिकारी डॉ ए के सोनटके सहित अन्य अधिकारीगण शामिल थे।