भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय जेएलएन अस्पताल में एक ओर जहां कोरोना से जीवन बचाने की जंग जारी है, वहीं इस अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने की पूरी तैयारी है। कोविड के बढ़ते प्रकोप ने अस्पतालों पर बेहद दबाव बना दिया है। आज मेडिकल बिरादरी दिन-रात काम कर रही है। आज कई अस्पतालों ने कोविड को छोड़कर अन्य मरीजों को देखना बंद कर दिया है। परन्तु सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय जेएलएन अस्पताल में कोविड मरीजों के इलाज करने के साथ ही इस अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने में समर्पण की एक मिसाल कायम की है।
जेएलएन अस्पताल का ऐसे ही एक समर्पित विभाग है स्त्रीरोग व प्रसूति विभाग, जो गर्भवती स्त्रियों के इलाज व सुरक्षित प्रसव कराने में अहम भूमिका निभा रहा है। विशेष रूप से मार्च व अप्रेल, 2021 में जब निरन्तर कोविड केस बढ़ रहे थे, तब इस अस्पताल के स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टरों व नर्सों ने कोविड के खतरे के बावजूद सुरक्षित प्रसव कराने का बीड़ा उठाया है।
ओपीडी में 4000 से अधिक मरीजों का इलाज
कोविड के इस भयंकर संक्रमण के दौरान भी स्त्री रोग व प्रसूति विभाग के चिकित्सकों ने गर्भवती महिलाओं का इलाज जारी रखा। डॉक्टरों ने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करते हुए इन गर्भवती महिलाओं को निरन्तर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराते रहे। उनके इस समर्पण के चलते ही मार्च-अप्रेल में 4000 से अधिक महिलाओं का इलाज किया गया। जिसमें मार्च, 2021 में 1922 तथा अप्रेल, 2021 में 2353 महिलाएं शामिल है। इसमें लगभग 20 महिलायें कोविड पॉजीटिव पायी गयी, इनका भी इलाज किया गया। इसके अतिरिक्त लगभग 200 महिलाओं को इलाज हेतु भर्ती किया गया।
सुरक्षित प्रसव एक चुनौती
कोविड के इस जोखिम भरे अवधि में सुरक्षित प्रसव कराना, अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस दौरान जहां नवजात शिशु को संक्रमण से बचाने की जद्दोजहद होती है वहीं प्रसूता के जीवन को बचाने की भी एक अहम जिम्मेदारी आ जाती है। जच्चा-बच्चा दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर जेएलएन अस्पताल के डॉक्टरों व पैरा-मेडिकल स्टाफ ने मार्च-अप्रेल में 90 से अधिक महिलाओं की प्रसूति कराने में सफल रहे। जिसमें मार्च, 2021 में 52 तथा अप्रेल, 2021 में 39 महिलाओं की सफलतापूर्वक प्रसूति करायी गयी। इसमें से कई महिलायें कोविड पॉजीटिव पायी गयी, इनका भी सुरक्षित प्रसव कराया गया। इन 2 माह में लगभग 64 सिजेरियन डिलिवरी करायी गयी।
मेजर व माइनर सर्जरी से बचायी जान
कोविड के इस संकटकाल में भी जेएलएन अस्पताल के स्त्रीरोग व प्रसूति विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की टीम ने अपनी सेवा व समर्पण दिखाते हुए मार्च व अप्रेल, 2021 के इन 2 महीनों में लगभग 120 महिलाओं की सर्जरी की। इनमें 69 मेजर सर्जरी तथा 51 माइनर सर्जरी शामिल है। इस टीम के कई सदस्य कोरोना पॉजीटिव होने के बावजूद पूरी टीम एकजुट होकर कत्र्तव्यों का निर्वहन करती रही। कोविड भी इस टीम का मनोबल नहीं गिरा सका। इस टीम ने जोखिम उठाते हुए कई कोविड मरीजों की भी सफलतापूर्वक डिलिवरी कराई।
डीएनबी डॉक्टर्स की अहम भूमिका
जेएलएन अस्पताल के स्त्रीरोग व प्रसूति विभाग के नियमित विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ-साथ डीएनबी डॉक्टरों ने इन मरीजों के चिकित्सा व प्रसूति में अहम भूमिका निभाई है। इनमें से कई डॉक्टर्स प्रसूति के साथ-साथ कोविड से संबंधित सेवाएं भी दे रहे है। डीएनबी डॉक्टर्स के समर्पण व सेवा ने इन मरीजों को बड़ी राहत दी है। ईडी(एम एंड एचएस) डॉ एस के इस्सर, सीएमओ द्वय डॉ प्रमोद बिनायके व डॉ रविन्द्रनाथ के मार्गदर्शन तथा जेएलएन अस्पताल के स्त्रीरोग व प्रसूति विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर्स, डीएनबी डॉक्टर्स व पैरा-मेडिकल स्टाफ सुरक्षित प्रसव को अंजाम देकर जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। माताओं व नवजात शिशु के देखभाल में भी इस विभाग की टीम ने अहम भूमिका निभाई है। इस समर्पित डॉक्टर्स की टीम के सदस्य हैं- डॉ. सुनीता अग्रवाल, डॉ. रोशन हुसैन, डॉ. अरुण कुमार डोरा, डॉ. श्रुति डे, डॉ. निशा ठाकुर, डॉ. प्रभदीप कौर, डॉ. संगीता कामरा, डॉ. शैला जैकब, डॉ. नीना गुहा, डॉ. सुमन कुमार एवं डॉ. हिमानी गुप्ता। इसके अतिरिक्त पूरे सेवाभाव से कार्य करने वाले लेबर रूम नर्सिंग स्टाफ में शामिल है- जॉयस थॉमस, रीना शर्मा, मैरी जॉन, एंजीलिना सिंह, जयश्री आर, सुनीता साहू, संगीता यादव, उषा साहू, सुनीता किरण, सुनीता तिर्की। इस टीम में डीएनबी डॉक्टर्स ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
