रायपुर। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय और पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पांच दिवसीय चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रायपुर सांसद सुनील सोनी ने की। रायपुर के महंत घासीदास संग्रहालय, सिविल लाइन, रायपुर मे आयोजित इस प्रदर्शनी मे भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं जैसे सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी तथा अन्य स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथा चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत की गयी है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी वीर नारायण सिंह, गंगाधर ठाकुर, प्यारे लाल जी, वाम्ह्न राव लाखे, रवि शंकर शुक्ल, सुंदर लाल शर्मा, सुरेन्द्र सांय इत्यादि के जीवंत-चित्र इस प्रदर्शनी मे प्रदर्शित किए गए है। इस अवसर पर धमतरी से कंडेल तक आयोजित साइकिल रैली का विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया गया। छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और सांसद सुनील सोनी ने हरी झंडी दिखाकर साइकिल रैली को रवाना किया।
पांच दिवसीय इस आयोजन के दौरान प्रतिदिन विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से संध्या 6 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी का आयोजन संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग एवं समन्वय से किया गया है। उल्लेखनीय है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर आज अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से 81 पदयात्रियों द्वारा नवसारी से दांडी तक 241 मील की पदयात्रा को हरिझंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा 5 अप्रैल तक चलेगी। पदयात्रा के दांडी तक के मार्ग मे अनेक लोग शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, पदयात्रा के पहले 75 किलोमीटर के पड़ाव का नेतृत्व कर रहें हैं।
देश की आजादी मे दांडी मार्च की भूमिका अहम
शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि देश की आजादी मे दांडी मार्च की भूमिका अत्यंत अहम रही है। यही वजह है कि दांडी मार्च के आगाज के खास दिन को ही भारत की स्वतन्त्रता के 75 वर्ष के भव्य समारोह के शुभारंभ के लिए चुना गया। इस आंदोलन के माध्यम से महात्मा गांधी ने एक बार फिर दुनिया को सत्य और अहिंसा की ताकत से परिचय कराया। गांधी जी की दांडी यात्रा के साथ भारत भर मे राष्ट्रीय चेतना की लहर चल पड़ी थी। भगत ने कहा कि यह प्रदर्शनी हमारे सभी स्वतन्त्रता सेनानियों को समर्पित है।
आत्मनिर्भर भारत के मध्यम से राष्ट्र को वैश्विक गुरु बनाने का अभियान
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रायपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुनील सोनी ने कहा कि आज के दिन ही गांधी ने दांडी यात्रा का शुभारंभ की थी इसी अवसर पर हम 75 सप्ताह तक चलने वाली कार्यक्रमों का शुभारंभ कर रहे हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे राष्ट्र को आत्मनिर्भर भारत के मध्यम से वैश्विक गुरु बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत कोविड काल मे भी भारत ने पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कोविद महामारी के शुरुआती दिनों मे जहां भारत ने विभिन्न देशों को दवाइयों की आपूर्ति की वहीं आज कोरोना वैक्सीन के जरिये विश्व पटल पर अपनी मजबूत छवि बना रहा है। श्री सोनी ने स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों विशेषकर छत्तीसगढ़ के महापुरुषों के जीवन और संघर्ष की गाथा पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम अगले 75 सप्ताह तक किए जाने का आवाहन किया।
स्वंतत्रता सेनानियों के संघर्ष को जानेंगे युवा
कार्यक्रम मे संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि इस तरह के चित्र प्रदर्शनियों के माध्यम से युवाओं को स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान और संघर्षो से रूबरू कराया जा रहा है जो कि एक अभिनव पहल है। शुभारंभ अवसर पर संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. ने कहा कि अगले 75 सप्ताह तक पूरे छत्तीसगढ़ मे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा जिसमे युवाओं सहित विभिन्न वर्गो की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम के आरंभ मे पत्र सूचना कार्यालय के अपर महानिदेशक अभिषेक दयाल ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित प्रदर्शनी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि देशव्यापी कार्यक्रमों की शुरुआत आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के साबरमती से शुरू की है। इसी के तहत पूरे देश मे 75 स्थानो पर चित्र प्रदर्शनी, सांस्कृतिक व अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रायपुर मे लगाई गई प्रदर्शनी के बारे मे उन्होने बताया कि इसे मुख्यत: पाँच भागों मे बाटा गया है जिसमे एक हिस्सा महात्मा गांधी दूसरा सरदार वल्लभ भाई पटेल, तीसरा सुभाष चन्द्र बॉस, चौथा हिस्सा अन्य स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों और पांचवा छत्तीसगढ़ के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित है।