भिलाई। भिलाई नगर विधायक व महापौर देवेंद्र यादव की पहल से शहर में जल संकट की समस्या अब समाप्ति की ओर है। वर्षों पुराना सपना अब सकार हो रहा है। लगातार पानी की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। घर घर पानी पहुंचाने पाइन लाइन बिछाई जा रही है और लोगों के घरों में नल भी लगाया जा रहा है। जिससे लोगों को भरपूर पानी मिल रहा है।
अमृत मिशन योजना फेस 2 के तहत शहर में कई विकास कार्य किए गए है। जो अब पूरे हो गए है। इससे शहर की जनता को भरपूर पानी मिलने लगा है। अब पिछले सालों की तरह लोगों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ रहा है। लोगों दोनों टाइम पर्याप्त पानी दिया जा रहा है। भिलाई नगर विधायक व महापौर देवेंद्र यादव ने लगातार प्रयास किए और उनके प्रयास का परिणाम है कि आज हमारे भिलाई शहर के घर घर में चौबिसों घंटे पानी मिलेगा। गर्मी में भी लोगों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए एक ओर जहां शहर में 12 नई पानी टंकी बन कर तैयार हो गई है। खम्हरिया और कुरूद जैसे क्षेत्र जहां लोग साल भर पानी के लिए परेशान रहते थे। अब यहां के लोगों को भी पानी टंकी बनने से बड़ी राहत मिल रही है। निगम के इंजीनियरों ने बताया कि कुरूद और खम्हरिया की पानी टंकी को भी शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा खुर्सीपार,छावनी में भी जहां कैमिकल पानी आता है। अब यहां के हर वार्डों में भरपूर पानी सप्लाई किया जा रहा है। पूरे खुर्सीपार,छावनी इलाके में तीन पानी टंकी से शुद्ध पानी की सप्लाई की जा रही है। शहर में नई 12 टंकी सहित पुरानी 8 टंकियां भी है। जिससे शहर में पानी सप्लाई की जा रही है। अब निगम के पास कुल मिलाकर 57.6 एमएलडी(मिलियन लीटर डिमांड) क्षमता वाली कुल 20 पानी टंकी है। जिससे पूरे शहर को दोनों टाइप भरपूर पानी दिया जा सकेगा।
हर घर में लगेगा नल
शहर के हर घर में नल कनेक्शन दिया जा रहा है। कई घरों में पहले से ही नल कनेक्शन है। इसके अलावा शहर के करीब 50 हजार 580 घरों, उद्योगों और कमर्सियल क्षेत्र में पानी की सप्लाई के लिए नया नल कनेक्शन देना है। इसमें से 40 हजार घरों में नल कनेक्शन देने का काम पूरा कर लिया गया है और बांकि जगहों पर नल कनेक्शन देने का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए अलग-अलग टीम बनाई गई है। जो तेजी से काम कर रही है। विधायक देवेंद्र यादव ने निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द हर घर में नल कनेक्शन देने का काम पूरा किया जाए।
139 करोड़ की लागत से बिछाई गई 379 किमी पाइपलाइन
शहर के हर गली मोहल्ले में पाइप लाइन बिछाई गई है ताकि लोगों को पानी मिल सके। कोई भी परिवार इस अमृत मिशन योजना के लाभ से वंचित न रहे। इसी प्रयास में 139 करोड़ की लागत से पूरे शहर में अबतक 379 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। इसमें से 41 किलोमीटर पाइप लाइन राइजिंग पाइन लाइन है। जो पानी टंकी से फिल्टर प्लांट तक बिछाई गई है। इसके अलावा वितरण पाइप लाइन पूरे शहर के हर गली मोहल्ले में 338 किलोमीटर बिछाई गई हैं। कुल मिलाकर 447 किलोमीटर पाइन लाइन बिछाने का लक्ष्य है। जो गली मोहल्ले बचे है। जहां से सूचना मिल रही है वहां भी पाइप लाइन बिछा रहे हैं।
स्काडा सिस्टम का काम अंतिम चरण में
9 करोड़ की लागत से पीएलसी स्काडा आटोमेशन सिस्टम का भी काम चल रहा है। पुरानी फिल्टर प्लांट 77 एमएलडी औ नए फिल्टर प्लांट 66 एमएलडी में पीएलसी स्काडा आटोमेशन सिस्टम लगाया जा रहा है। इंजीनियरों ने बताया कि यह काम अंतिम चरण की ओर है। जल्द ही यह काम पूरा कर लिया जाएगा। यह सिस्टम फिलहाल प्रदेश में कही नहीं है। इस सिस्टम से फिल्टर प्लाट में बैठे इंजीनियर शहर के सभी पानी टंकी की क्षमता देख लेंगे। साथ ही कही पाइन लाइन लिकेज हुआ या और कोई समस्या आई तो वह सब भी इस सिस्टम के माध्यम से पता चल जाएगा। यह बहुत ही आधुनिक सिस्टम है।
30 करोड़ की लागत से बनी है 12 नई पानी टंकी
अमृत मिशन फेस 2 योजना के तहत महापौर व भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव की पहल से शहर में 12 नई पानी टंकी बनाई गई है। जिसमें टंकी मरोदा, डूंडेरा की दोनों पानी टंकी क्षमता 1-1 एमएलडी की है। पुरैनी टंकी की क्षमता 1.2 एमएलडी की है। इसके अलावा कुरूद, खम्हरिया, गौतम नगर खुर्सीपार, छावनी, हाउसिंग बोर्ड, कोहका मंगल बाजार, स्लाटर हाउस राधिका नगर, रूआबांधा और नेवई में एक-एक टंकी बनाई गई है। जिसकी क्षमता 3.2 एलएलडी की है। खम्हरिया में पाइन लाइन बिछाने और रूआबांधा और नेवई में पाइप की सफाई का काम चल रहा है। करीब 30 करोड़ की लागत से इन टंकियों को बनाया गया है।
149 एमएलडी का फिल्टर प्लांट
भिलाई शहर प्रदेश का सबसे बड़ा जल संशोधन संयंत्र वाला शहर बन गया है। भिलाई शहर में 3 जल संशोधन संयंत्र है। एक पुराना जो 77 एमएलडी क्षमता वाली है। वहीं दूसरा नेहरू नगर स्थिति नई जल संशोधन संयंत्र 66 एमएलडी और तीसरा 6 एमएलडी जल संशोधन संयंत्र मोरिद में बनाया गया है। कुल मिलाकर 149 एमएलडी पानी नदी से खिंच कर रोज शुद्ध करके शहर में सप्लाई की जा सकेगी। लेकिन इतनी मात्रा में पानी की जरूरत नहीं है। दोनों नए जल संशोधन संयंत्र को करीब16 करोड़ 84 लाख की लागत से बनाया गया है।