रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग (लंपी स्किन डिजीज) के प्रसार को नियंत्रित करने की कोशिशों में जुटी हैं। इसकी रोकथाम के लिए एक स्वदेशी टीका विकसित किया गया है। हम 2025 तक पशुओं के 100 प्रतिशत टीकाकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। कई राज्य मवेशियों में इस त्वचा रोग से जूझ रहे हैं। गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में इसके कारण हजारों मवेशियों की मौत हो चुकी है।
विश्व डेयरी सम्मेलन का किया उद्घाटन
ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में विश्व डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, यह संक्रामक रोग मवेशियों को प्रभावित करता है। यह उनमें बुखार, त्वचा पर गांठ का कारण बनता है। लंपी नाम की इस बीमारी से कई राज्यों में पशुधन का नुकसान हुआ है। पशुधन की बीमारी बड़ा खतरा है, क्योंकि यह किसानों व आय को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी मवेशियों में दूध उत्पादन और इसकी गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है, इसलिए सरकार पशुधन के सार्वभौमिक टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
बनेगा डेटाबेस